जकार्ता। यूक्रेन संकट (Ukraine Crisis) के मद्देनजर जी 20 देशों (G-20)के बयान को रूस और चीन ने खारिज कर दिया है। आर्थिक रूप से संपन्न 20 देशों के समूह ने यूक्रेन (Ukraine-Russian) पर रूसी हमले की आशंका जताते हुए उसका असर (Economically Prosperous) वैश्विक अर्थव्यवस्था (Global Economy) पर पड़ने की बात कही गई थी।कहा था कि युद्ध छिड़ने की स्थिति में वैश्विक अर्थव्यवस्था के मंदी की चपेट (Economy Slowdown) में आने का खतरा पैदा हो जाएगा। इस समूह में भारत (India) भी शामिल है।
20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों का यह सम्मेलन इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में हुआ। कोरोना महामारी के कारण दो साल बाद शारीरिक उपस्थिति के साथ यह सम्मेलन हुआ। इसमें कनाडा की वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने अपने रूसी समकक्ष से यूक्रेन पर हमला न करने की अपील करते हुए कहा कि उसका वैश्विक दुष्परिणाम होगा। इस हमले के परिणामस्वरूप रूस को कड़े आर्थिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा, जिसका असर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर पड़ेगा।
कनाडा की वित्त मंत्री के इस बयान पर रूस और चीन ने आपत्ति जताई। कहा कि सम्मेलन की कार्यसूची में यूक्रेन मसले पर विचार का बिंदु नहीं है, फिर उसका उल्लेख इस मंच पर क्यों किया जा रहा है। दोनों देशों ने गरीब देशों को कर्ज दिए जाने की नीति और कोयले के मूल्य बढ़ाने की योजना से भी असहमति जताई।
सम्मेलन में यूक्रेन संकट की चर्चा करते हुए कहा गया कि इसके चलते मजबूत अर्थव्यवस्था वाले देशों के शेयर बाजार में भय का माहौल देखा गया है। लोग बाजार से धन निकाल रहे हैं। इसका असर अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है। सम्मेलन में इंडोनेशिया की वित्त मंत्री श्री मुलयानी इंद्रावती चाड, जांबिया और इथोपिया में व्याप्त कर्ज संकट का उल्लेख किया। कहा कि गरीब देशों को कर्ज दिए जाने की नीति में बदलाव की जरूरत है। लेकिन इससे चीन ने असहमति जता दी।
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