नई दिल्ली (New Delhi)। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) (United Nations Security Council -UNSC) में भारत (India deserves) को स्थायी सीट (permanent seat) का हकदार बताकर रूस ने एक बार फिर एक सच्चा दोस्त होने का परिचय दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) और उनकी नीतियों की बार-बार प्रशंसा करने वाले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता की वकालत की है और कहा कि इसमें सुधार की जरूरत है. उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट के हकदार हैं. इतना ही नहीं, उन्होंने पश्चिम को आड़े हाथों लिया और कहा कि जो देश इनकी बात नहीं मानते हैं, वे उन्हें अपना दुश्मन समझ लेते हैं।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए अपना खुलकर समर्थन किया और कहा कि भारत जैसे देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में स्थायी सीट के हकदार हैं, जिसमें सुधार की जरूरत है. उन्होंने कहा कि विशेष रूप से भारत, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका अधिक प्रतिनिधित्व के हकदार हैं. बता दें कि इससे पहले भी इंटरनेशनल लेवल पर पुतिन भारत का साथ दे चुके हैं।
सोची में अपने वार्षिक मुख्य भाषण के दौरान पुतिन ने भारत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह नेतृत्व सेल्फ डायरेक्टेड है यानी अपने फैसलों पर चलता है. उन्होंने कहा कि यह नेतृत्व राष्ट्रीय हितों को साथ लेकर आगे बढ़ रहा है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को भारत की सराहना करते हुए कहा कि देश का उच्च तकनीक निर्यात तेजी से बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत मजबूत हो रहा है।
पश्चिमी देशों पर निशाना साधते हुए व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को कहा कि ये उन सभी देशों को दुश्मन मान लेते हैं, जो पश्चिमी देशों के मानदंडों का आंख मूंदकर पालन नहीं करते हैं. उन्होंने कहा कि पश्चिमी देशों ने एक बार भारत के साथ भी ऐसा ही करने की कोशिश की थी. उन्होंने कहा, वे (पश्चिम) हर उस देश को दुश्मन मानने की कोशिश कर रहे हैं, जो आंख बंद करके इनका अनुसरण करने को तैयार नहीं हैं… एक समय पर उन्होंने भारत के साथ भी ऐसा ही करने की कोशिश की थी. अब भी वे निश्चित रूप से ऐसा ही कर रहे हैं. हम सब अच्छे से समझ रहे हैं।
पुतिन ने कहा कि भारत के अलावा पश्चिम ने चीन और अरब देशों के साथ भी ऐसा ही व्यवहार किया. अपने भाषण के दौरान पुतिन ने चेतावनी दी कि अगर पश्चिम इसी रास्ते पर चलता रहा तो परिणाम दूरगामी होंगे. दरअसल, पुतिन इस बात का जिक्र कर रहे थे कि 1998 के पोखरण परमाणु परीक्षणों के बाद नई दिल्ली पर सख्त प्रतिबंध लगाने के लगभग दो दशक बाद अमेरिका अपने बढ़ते रणनीतिक महत्व के कारण पिछले कुछ वर्षों से भारत को कैसे धोखा दे रहा है।
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