कीव। यूक्रेन पर रूस (Russia on Ukraine) के आक्रमण के छठे दिन की लड़ाई में एक भारतवासी छात्र की मौत हो गई। मंगलवार को यूक्रेन (Ukraine) के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव पर रूस (Russia on Kharkiv) ने जोरदार हमला किया, जिसमें एक भारतीय छात्र को अपनी जान गंवानी पड़ी। दिनभर जोरदार युद्ध के साथ यूक्रेन की अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने की कोशिशें भी चलती रहीं। इसी बीख् यूक्रेन अब जल्द ही यूरोपीय यूनियन का सदस्य बन जाएगा, क्योंकि इस संंबंध में यूक्रेन का आवेदन स्वीकार कर लिया गया है। इस बीच बुधवार को रूस-यूक्रेन वार्ता का दूसरा दौर होने की बात भी सामने आई है। रूस ने क्लस्टर और वैक्यूम बम का इस्तेमाल करने से इनकार किया है।
खारकीव पर हुए हमले में कर्नाटक के मूल निवासी भारतीय छात्र नवीन को भी जान गंवानी पड़ी। नवीन यूक्रेन में एमबीबीएस चतुर्थ वर्ष का छात्र था। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने मंगलवार दोपहर तीन बजे ट्वीट कर कहा कि अत्यंत दुख के साथ एक भारतीय छात्र के मारे जाने की पुष्टि की जाती है।
इस बीच रूसी सेना ने राजधानी कीव को चारों ओर से घेर लिया है। यूक्रेन के दो शहरों में रूस ने मिसाइलों और तोप से हमला कर उसकी सेना को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। कीव की तरफ 64 किलोमीटर से भी लंबा सैन्य काफिला बढ़ता हुआ देखा गया है। इस बीच यूक्रेन को यूरोपियन यूनियन का सदस्य बनाने की औपचारिकताएं शुरू कर दी गयी हैं। यूरोपियन संसद ने यूक्रेन के सदस्यता के लिए किए गए आवेदन को स्वीकार कर लिया है।
यूएनएचआरसी में वोटिंग से दूर रहा भारत
यूक्रेन पर रूसी हमले को लेकर संयुक्त राष्ट्र संघ एवं उससे जुड़े अन्य संगठन लगातार सक्रिय हैं। सभी संगठन प्रकारांतर से रूस पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी क्रम में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) ने यूक्रेन में मानवाधिकारों के हनन पर चिंता जाहिर करते हुये इस मसले पर आपात चर्चा का प्रस्ताव किया था। 47 देशों वाली संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में 29 देशों ने चर्चा का समर्थन किया, जबकि चीन और रूस सहित पांच देश खुलकर विरोध में आए। वहीं भारत सहित 13 देशों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। अब गुरुवार को तीन बजे चर्चा कराने का फैसला हुआ है।
छह लाख लोगों ने छोड़ा यूक्रेन
यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पिछले छह दिन में छह लाख से अधिक लोग यूक्रेन छोड़ चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ के मुताबिक यूक्रेन छोड़ने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिससे पड़ोसी देशों पर बोझ तेजी से बढ़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र संघ के मानवीय राहत मामलों में संयोजन और आपात सहायता मामलों के प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों को आगाह किया कि हताहत आम नागरिकों की संख्या और बुनियादी ढांचे को पहुंची क्षति बेहद चिंताजनक है। बड़ी संख्या में शरणार्थी यूक्रेन से अन्य यूरोपीय देशों का रुख कर रहे हैं और उनके मेजबान देशों पर बोझ बढ़ने की सम्भावना है।
सुरक्षा परिषद से बाहर किया जा सकता है रूस
यूक्रेन पर हमले के चलते पश्चिमी देशों की ओर से लगातार प्रतिबंधों का सामना कर रहे रूस को जल्द ही एक और बड़ा झटका लग सकता है। ब्रिटेन ने कहा है कि रूस को लेकर हमारे सामने विकल्पों में उसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) से बाहर करना भी है। ब्रिटेन की गृह सचिव प्रीति पटेल ने कहा है कि यूक्रेन के एक लाख और शरणार्थी ब्रिटेन आ सकेंगे। पूर्वी यूरोप में युद्ध की वजह से वहां से भाग रहे इन लोगों की मदद करने के लिए दबाव बढ़ने के बाद ब्रिटेन ने यह एलान किया है।
जेलेंस्की ने कहा, साबित करें कि आप हमारे साथ
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यूरोपियन संसद को संबोधित करते हुए यूरोपियन यूनियन से साबित करने के लिए कहा कि वे यूक्रेन के साथ हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेनी लोग अपनी भूमि के लिए और अपनी स्वतंत्रता के लिए लड़ रहे हैं। देश के सभी शहरों को अलग-अलग हिस्सों को रूसी सैनिकों के आने की वजह से ब्लॉक कर दिया गया है। जेलेंस्की ने यूक्रेनी संसद के अध्यक्ष रुस्लान स्टीफनचुक के साथ यूरोपियन संसद के एक असाधारण सत्र के दौरान भाषण दिया। सत्र के दौरान जेलेंस्की को सभी सांसदों ने खड़े होकर सम्मान दिया।
यूक्रेन का दावा, मार गिराए 5700 रूसी सैनिक
रूस के साथ चल रहे युद्ध को लेकर यूक्रेन ने बड़ा दावा किया है। यूक्रेन ने कहा है कि उसने अब तक रूस के 5700 सैनिकों को मार गिराया है। इतना ही नहीं, यूक्रेन ने यह भी दावा किया उसने रूसके 22 मिसाइल लॉन्चर और 5 एयर डिफेंस सिस्टम को तबाह कर दिया है। इसके अलावा यूक्रेन ने दावा किया है कि उसने 200 रूसी सैनिकों को बंधक बनाया है। यूक्रेन ने कहा है कि उसने रूस के 29 जेट और 29 हेलिकॉप्टर मार गिराए हैं। हालांकि रूस ने यूक्रेन के दावे को झूठा बताया है। वहीं, क्लस्टर और वैक्यूम बम के इस्तेमाल पर रूस ने कहा है कि उसने क्लस्टर और वैक्यूम बम का इस्तेमाल नहीं किया है।
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