सलूंबर । राजस्थान के सलूंबर में ग्रामीण मतदाता (Rural Voters in Salumber Rajasthan) नाव के सहारे (With the help of Boat) वोट डालने पहुंचे (Reached to Cast their Vote) । राजस्थान तेजी से विकास की राह पर अग्रसर है, जहाँ आधुनिकता की चमक और विकास के दावे सुनने को मिलते हैं, लेकिन इन दावों के बीच एक ऐसी तस्वीर सामने आई जिसने प्रदेश के विकास पर सवाल खड़े कर दिए।
सलूंबर विधानसभा उपचुनाव के दौरान ग्रामीण इलाकों से मतदाता नाव का सहारा लेकर वोट देने पहुंचे। यह दृश्य न केवल आश्चर्यचकित करता है, बल्कि प्रदेश में बुनियादी सुविधाओं के अभाव की ओर भी इशारा करता है। चुनावी समर में वोट देना लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत है, और सलूंबर के मतदाता इस कर्तव्य को निभाने के लिए कितनी भी कठिनाई झेलने को तैयार हैं, लेकिन क्या एक विकसित राज्य में आज भी लोगों को इस तरह के संघर्ष करने चाहिए ?
यह सवाल उन क्षेत्रों के हालात पर प्रकाश डालता है जहाँ सड़कों का अभाव, असुविधाजनक आवागमन और बुनियादी सुविधाओं की कमी विकास के दावों की हकीकत सामने लाती है। पलोदड़ा गाँव में महिलाओं और बुजुर्गों को भी इसी तरह से नाव का सहारा लेकर मतदान केंद्रों तक पहुंचते देखना चौंकाने वाला है। ऐसे में यह स्थिति प्रशासन के लिए एक बड़ा सवाल है कि आखिर कब तक ग्रामीण क्षेत्र के मतदाताओं को बुनियादी ढांचे के अभाव में जीवन बिताना पड़ेगा?
राजस्थान का हर क्षेत्र वास्तव में विकास की राह पर तभी आगे बढ़ेगा जब हर मतदाता को बिना कठिनाई के अपने मताधिकार का प्रयोग करने की सुविधा मिलेगी। ऐसे में आज के इस दृश्य ने सरकार और प्रशासन को याद दिलाया है कि विकास के लिए केवल योजनाओं की घोषणा ही नहीं, बल्कि जमीनी स्तर पर बुनियादी सुविधाओं की पूर्ति भी अनिवार्य है।
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