इंदौर। तीन महीनों से बारिश के दौर में ग्रामीण क्षेत्रों की सडक़ों के बुरे हाल हो गए हैं। पीडब्ल्यूडी कच्ची मुरम से गड्ढे भरने का दावा तो कर रहा है, लेकिन इससे सडक़ों पर गिट्टी बिखर रही है, जो आवाजाही में वाहन चालकों के लिए बाधा बनती है। विभागीय इंजीनियरों को बारिश रुकने का इंतजार है, ताकि पैच रिपेयर कर पाएं।
देपालपुर, सांवेर, महू, बेटमा और इंदौर के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में सडक़ों की हालत खराब हो रही है। मुख्य मार्गों से ग्रामीण क्षेत्रों को जोडऩे वाली सडक़ें बारिश के कारण खराब होकर गड्ढों में बदल रही हैं। पीडब्ल्यूडी ने तकरीबन 75 किलोमीटर की सडक़ों पर मरम्मत की दरकार बताई है। भोपाल से फटकार के बाद कच्ची मुरम भरने का काम विभागीय इंजीनियरों ने शुरू कर दिया है, लेकिन थोड़ी सी बारिश में गड्ढों से मुरम सडक़ पर आ जाती है, जिससे वाहन चालकों को और परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पीडब्ल्यूडी के इंजीनियर का कहना है कि बारिश रुकते ही पैच रिपेयर का काम शुरू कर दिया जाएगा।
इन मार्गों की हालत खस्ता
सिंहासा, बिसनावदा, श्रीराम तलावली, सिंदोड़ा, झालारा, धुरेरी, बेटमा, शंकरपुरा, आगरा, नेवरी, अटाहेड़ा, सुमठा, गंगाजलखेड़ी, बनेडिय़ा, गोकलपुर, गुनावत, रंगवासा, पंचडेरिया, गुलावट, सगड़ोद, चिकलौंडा, मेठवाड़ा आदि।
गड्ढे भरने का काम जारी है
बारिश के दौरान इंजीनियरों को गड्ढे भरने के निर्देश दिए गए थे, जिसकी मॉनीटरिंग भी एसडीओ से करवाई है। बारिश रुकने पर 2 सप्ताह में पैच रिपेयर का काम पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। बीके चौहान, चीफ इंजीनियर, पीडब्ल्यूडी
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