नई दिल्ली: भारतीय रुपये में मंगलवार को मजबूती का रुख देखा गया. बीते लंबे समय से डॉलर के मुकाबले कमजोर चल रहे रुपये ने मंगलवार को एक महीने का उच्च स्तर छुआ. बाकी कारोबार के अंत तक इसमें मजबूती का यही रुख रहने की उम्मीद है.
डॉलर के कमजोर पड़ने से बाजार में हालात बदले हुए रहे. बीते तीन दिन से डॉलर के मुकाबले रुपया लगातार बढ़त बनाए हुए हैं. मंगलवार को रुपया 81.50 रुपये प्रति डॉलर से लेकर 81.70 रुपये प्रति डॉलर के बीच रह सकता है.
2 महीने में सबसे ज्यादा बढ़त : डॉलर में कमजोर रुख का सीधा असर रुपये पर दिखा है. इसने मंगलवार को जहां बीते एक महीने का सबसे उच्च स्तर छू लिया. वहीं इसमें दिन में कारोबार के दौरान ये 82.07 के स्तर तक गया, जो बीते 2 महीने में सबसे ऊंचा स्तर है. हालांकि डॉलर के कमजोर पड़ने और रुपये में मजबूती का रुख अब भी बना हुआ है. आखिरी अपडेट के बाद रुपये ने डॉलर के मुकाबले 81.77 के स्तर को छू लिया.
83 तक पहुंच चुका है रुपया : डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया लंबे समय से कमजोर बना हुआ है. 21 सितंबर 2022 को इसने पहली बार डॉलर के मुकाबले 80 के आंकड़े को पार किया था. इसके बाद से ये लगातार कमजोर होता गया और 27 दिसंबर 2022 को करीब 83 रुपये (82.90) के स्तर पर पहुंचकर बंद हुआ.
डॉलर पड़ रहा अब कमजोर : रुपये में मजबूती की एक बड़ी वजह डॉलर का कमजोर पड़ना है. मंगलवार को डॉलर कमजोरी का रुख लिए रहा. हालांकि देर रात इसने 82.50 रुपये प्रति डॉलर के उच्च स्तर को छुआ, पर उसके बाद इसमें लगातार गिरावट का रुख जारी है. दिन में कारोबार के दौरान ये 81.77 रुपये प्रति डॉलर के निचले स्तर तक गिर चुका है.
रुपये के मजबूत होने की वजह : बजट से पहले रुपये में मजबूती के ये संकेत काफी पॉजिटिव हैं. ब्रोकरेज फर्म मोतीलाल ओसवाल के मुताबिक इसकी वजह एक तरफ जहां देश में एफपीआई का निवेश बढ़ना है. वहीं सरकार का राजकोषीय घाटे को नियंत्रण में रखने को लेकर प्रतिबद्ध रहना, नीतिगत ब्याज दरों का बढ़ना भी अहम कारण हैं.
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