नई दिल्ली (New Delhi)। डॉलर की तुलना में रुपये (Dollar vs Rupee) का लुढ़कना जारी है। यह लगातार दूसरे दिन एक पैसे की गिरावट के साथ रिकॉर्ड निचले स्तर (record low) 83.10 पर बंद हुआ। इस गिरावट से जहां महंगाई (Dearness) बढ़ेगी, वहीं विदेशों में पढ़ाई भी महंगी (Studying abroad is also expensive) होगी। विश्लेषकों के मुताबिक, ग्राहकों को कुछ उत्पादों पर ज्यादा खर्च करने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है, क्योंकि रुपये की गिरावट से आयात महंगा (imports become costlier) हो जाएगा।
आयातित वस्तुओं और सेवाओं (imported goods and services) की बढ़ती लागत से रुपये में गिरावट से महंगाई पर दबाव पड़ता है। आयातित वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि से कंपनियों को ग्राहकों पर बढ़ोतरी का बोझ डालने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। यह एक साल में पहली बार हुआ है जब इतने लंबे समय तक डॉलर तेजी में रहा है।
विदेशी मुद्रा भंडार में आ सकती है गिरावट
विदेशी मुद्रा भंडार (foreign exchange reserves) लगातार तीसरे हफ्ते गिरा है। रुपये की कमजोरी रोकने के लिए आरबीआई डॉलर को बाजार में छोड़ सकता है। इससे विदेशी मुद्रा भंडार में और गिरावट आने की आशंका है। सोना 50 रुपये टूटकर 59,250 रुपये 10 ग्राम पर जबकि चांदी 700 रुपये महंगी होकर 73,500 रुपये प्रति किलो बंद हुई।
सूचीबद्ध कंपनियां 21 दिन में निपटाएं शिकायतें…
पूंजी बाजार नियामक सेबी ने निवेशक शिकायत निवारण तंत्र को मजबूत करने के लिए नियम जारी किया है। संबंधित संस्थाओं को 21 दिनों के भीतर शिकायतों का समाधान करना होगा। नियम के अनुसार, अब मर्चेंट बैंकर, डिबेंचर ट्रस्टी, किसी इश्यू के रजिस्ट्रार, शेयर ट्रांसफर एजेंट और आपके ग्राहक को जानने वाली (केवाईसी) पंजीकरण एजेंसी 21 दिनों के भीतर निवेशकों की शिकायतों को निपटाएंगी।
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