मुंबई। डॉलर के मुकाबले रुपये में लगातार गिरावट जारी है। बुधवार को 18 पैसे कमजोर होकर सार्वकालिक निचले स्तर 79.03 पर पहुंच गया। मामूली कमजोरी के साथ यह 78.86 पर खुलकर 79.05 तक चला गया था। मंगलवार को 48 पैसे कमजोर होकर यह सार्वकालिक निचले स्तर 78.85 पर बंद हुआ था।
इस महीने डॉलर की तुलना में रुपया 1.97 फीसदी और इस साल अब तक 6.39 फीसदी कमजोर हुआ है। रुपये में कमजोरी की प्रमुख वजह विदेशी निवेशकों की घरेलू बाजार से पूंजी निकासी और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी है।
आयातकों को घाटा, निर्यातकों को होगा लाभ
रुपये में गिरावट से आयातकों को नुकसान होगा, जबकि निर्यातकों को फायदा होगा। किसी वस्तु का आयात करने पर हमें डॉलर में ज्यादा रुपया देना होगा। निर्यात में डॉलर के हिसाब से कारोबारियों को ज्यादा रुपया मिलेगा।
आगे भी बना रहेगा दबाव
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के दिलीप परमार ने कहा कि दुनियाभर के केंद्रीय बैंकों की ओर से ब्याज दरें बढ़ाने और डॉलर की उच्च मांग से अप्रैल-जून तिमाही में रुपये पर दबाव बढ़ा है। यह गिरावट आगे भी जारी रह सकती है और रुपया 79.10 के पार जा सकता है।
विश्लेषकों का कहना है कि आरबीआई को रुपये की गिरावट को रोकने के तरीके को बदलने की जरूरत हो सकती है, क्योंकि उसका अभी तक का तरीका रुपये की गिरावट को केवल तेज कर रहा है।
डॉलर की तुलना में 81 तक जा सकता है रुपया
डीबीएस की वरिष्ठ अर्थशास्त्री राधिका राव ने कहा कि आरबीआई के पास 590 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है। इसलिए वह रुपये की कमजोरी को रोकने में सक्षम है। लेकिन वह इसे आक्रामक तरीके से नहीं कर सकता है। हमारा मानना है कि रुपया डॉलर की तुलना में 81 तक जा सकता है।
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