डेढ़ महीने का दिया समय, खुद की व्यवस्था करें या नायता मुंडला से संचालन करें
इंदौर। शहर (Indore) में बिना लाइसेंस (without license) और अनुमति के संचालित हो रही प्राइवेट बसों (private bus) के कारण शहर की यातायात व्यवस्था (Transport system बिगड़ती जा रही है। जहां-तहां पार्किंग, मुख्य चौराहों से टर्निंग के चलते लम्बा ट्रैफिक जाम हो रहा है। कलेक्टर ने प्राइवेट बस आपरेटरों ( operators) को चेतावनी देते हुए नोटिस थमाए हैं। डेढ़ महीने का समय देते हुए शहर के बाहर खुद की व्यवस्था करने या नायता मुंडला से संचालन के निर्देश दिए हैं।
शहर की यातायात व्यवस्था को संभालने के लिए शहर के बीचोबीच बसों का संचालन करने वाले आपरेटरों को जिला प्रशाासन ने नोटिस थमाया है। सभी प्राइवेट व लम्बी दूरी की बसों को शहर के बाहर से संचालन करने या नायता मुंडला स्थित बस स्टैंड पर शिफ्ट होने के निर्देश दिए गए हैं। कलेक्टर आशीष सिंह के अनुसार आरटीओ प्रदीप शर्मा ने बस आपरेटरों की बैठक लेकर उन्हें प्रशासन की रणनीति से अवगत करा दिया है, वहीं डेढ़ महीने का समय देकर अपनी व्यवस्था करने को कहा है। कलेक्टर सिंह के अनुसार बड़ी-बड़ी बसें मुख्य चौराहों से टर्न लेती हैं तो लम्बे समय तक जाम की स्थिति निर्मित हो जाती है, वहीं जहां-तहां बसों की पार्किंग की जा रही है। विजयनगर, गीता भवन, स्टार चौराहा, सरवटे बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, पटेल ब्रिज के आसपास के क्षेत्रों से प्राइवेट बसों का संचालन किया जा रहा है, जो शहर के मुख्य मार्गों से होकर बायपास की तरफ जाती हंै और इनकी वजह से ही ट्रैफिक बिगड़ रहा है।
बगैर लाइसेंस और परमिशन के दफ्तर खोले
शहर के बीचोबीच आपरेटर बगैर लाइसेंस और परमिशन के दफ्तर खोलकर बैठे हैं। यहीं से पार्सल बुकिंग के साथ-साथ यात्रियों को भी टिकट मुहैया कराई जा रही है। लेने और छोडऩे के लिए भी सवारियों को इन्हीं क्षेत्रों पर एकत्रित किया जा रहा है, जिसके चलते शहर की व्यवस्था बिगड़ रही है। सभी प्राइवेट बस आपरेटरों को बैठक के बाद डेढ़ महीने का समय दिया गया है और निर्देशित किया गया है कि शहर के बाहर अपने-अपने दफ्तर शिफ्ट कर लें और वहीं से संचालन करें।
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