इंदौर। देश की पहली सेमी हाईस्पीड ट्रेन (semi high speed train) के रूप में ख्याति बटोर चुकी स्वदेश निर्मित वंदे भारत ट्रेन (vande bharat train) इंदौर से शुरू होने की सुगबुगाहट एक बार फिर शुरू हुई है। माना जा रहा है कि मार्च या अप्रैल से इंदौर-भोपाल-जबलपुर के बीच वंदे भारत ट्रेन शुरू की जा सकती है। मध्यप्रदेश को अब तक केंद्र सरकार ने एक भी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन नहीं दी है, जबकि महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ में यह सुविधा शुरू की जा चुकी है।
सूत्रों ने बताया कि पिछले दिनों वंदे भारत ट्रेन का एक रैक चेन्नई स्थित कोच फैक्टरी (Coach Factory in Chennai) से तैयार होकर डिस्पेच हुआ है। 16 कोच का यह रैक पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर मंडल को दिए जाने की चर्चा है। इंदौर से जयपुर और जबलपुर के लिए वंदे भारत ट्रेन चलाने की योजना है। जबलपुर वंदे भारत ट्रेन का मेंटेनेंस जबलपुर और जयपुर वंदे भारत ट्रेन का मेंटेनेंस इंदौर में प्रस्तावित है। हालांकि, किसी भी स्तर पर इस समाचार की पुष्टि नहीं हो रही, क्योंकि वंदे भारत को लेकर सब कुछ पीएमओ और रेल मंत्री के स्तर पर तय हो रहा है। ट्रेन शुरू होने के कुछ दिन पहले ही यह ऐलान होता है कि वंदे भारत ट्रेन कहां से चलाई जाएगी? इससे पहले जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इंदौर आगमन के दौरान इंदौर से वंदे भारत ट्रेन चलाने की चर्चा ने जोर पकड़ा था। रतलाम रेल मंडल ने पीएम की यात्रा को देखते हुए ताबड़तोड़ इंदौर यार्ड की एक पिट लाइन का विद्युतीकरण पूरा कर दिया था। ऐसा करना इसलिए जरूरी है, क्योंकि वंदे भारत इलेक्ट्रिक ट्रेन सेट है। इसमें अलग से लोको (इंजन) नहीं लगाना पड़ता।
चलवाना चाहते हैं यह ट्रेन
वंदे भारत ट्रेन की लोकप्रियता का आलम यह है कि ज्यादातर सांसद अपने संसदीय क्षेत्र से इस ट्रेन को चलवाना चाहते हैं। पिछले दिनों महाराष्ट्र में वंदे भारत ट्रेन के उद्घाटन कार्यक्रम में खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा था कि पहले सांसद अपने क्षेत्रों में ट्रेनों के स्टॉपेज करने की मांग करते थे, लेकिन अब वे वंदे भारत ट्रेन मांगते हैं। फरवरी में भी वंदे भारत ट्रेन के दो रैक में एक रैक मध्यप्रदेश को मिलने की संभावना जताई जा रही थी, लेकिन दोनों ही रैक महाराष्ट्र भेज दिए गए, जिन्हें मुंबई-शिर्डी और मुंबई-सोलापुर के बीच चला दिया गया।
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