- पंडे पुजारियों ने भी कहा अब आम श्रद्धालुओं को भी प्रवेश देना चाहिए
- सावन के आखिरी सोमवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के साथ चार लोगों ने किया प्रवेश-वीडियो हुआ वायरल
कांग्रेस ने कहा यह गलत है जिला प्रशासन ने कहा कोई प्रोटोकॉल नहीं था मंदिर प्रशासन भी अनभिज्ञ
उज्जैन। महाकाल मंदिर के गर्भगृह में श्रद्धालुओं के प्रवेश बंद होने के बाद वीआईपी के अलावा उनके साथ आम श्रद्धालुओं को भी प्रवेश दिए जाने को लेकर विरोध लगातार हो रहा है। दर्शन के बाद कोई भी अपने ऊपर जिम्मेदारी नहीं लेता है। मंदिर के पंडे पुजारियों का कहना है कि दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए अब मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश शुरू कर देना चाहिए।
महाकाल मंदिर के गर्भगृह में पिछले एक साल से आम श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक है लेकिन वीआईपी जब चाहे इंट्री कर रहे हैं। 19 अप्रैल श्रावण माह के आखरी सोमवार को भी गर्भगृह में प्रवेश के नियम तोड़े गए और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और उज्जैन भाजपा के ग्रामीण अध्यक्ष बहादुर सिंह बोरमुंडला सहित कुल चार लोग महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश कर गए। इस दौरान उन्हें रोकने वाला कोई नहीं था। चारों ने भगवान महाकाल का पूजन अभिषेक किया। चारों का पूजन करते हुए फोटो वीडियो वायरल हुए तो कांग्रेस ने इस पर सवाल खड़े कर दिए। कांग्रेस विधायक महेश परमार ने कहा कि रोजाना लाखों दर्शनार्थी महाकाल मंदिर में दर्शन के लिए पहुँच रहे है। ऐसे में आम श्रद्धालु घंटों लाइनों में लगकर गर्भगृह के सामने पहुँचता है तो उन्हें कुछ सेकेंड में आगे कर दिया जाता है लेकिन वीआईपी भक्तों के साथ अन्य लोग बिना परमिशन के मंदिर में प्रवेश करते हैं फिर सीधे गर्भगृह में चले जाते है। उन्हें रोकने वाला कोई नहीं है। ऐसे में दूर-दूर से आने वाले भक्त शिवलिंग को स्पर्श करने और अभिषेक की इच्छा लेकर आने वाले श्रद्धालुओं को निराश होना पड़ता है। जब उज्जैन भाजपा ग्रामीण अध्यक्ष से गर्भगृह में जाने को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि में प्रदेश अध्यक्ष के साथ गर्भगृह में प्रशासन से अनुमति लेकर गर्भगृह में दर्शन करने गया था। गर्भगृह में दर्शन करते फोटो वीडियो सामने आने के बाद जब जिम्मेदारों से सवाल किए तो उन्होंने भी पल्ला झाड़ लिया। महाकाल मंदिर के प्रशासक गणेश धाकड़ से प्रदेश अध्यक्ष के साथ ग्रामीण अध्यक्ष और दो अन्य लोगों के गर्भगृह में प्रवेश के लिए पूछा कि यह किसके आदेश पर अंदर दर्शन करने गए थे। तो प्रशासक धाकड़ ने कहा में दिखवाता हँू मैंने नहीं कहा था। शायद एडीएम ने प्रोटोकॉल दिया होगा। इधर जब एडीएम अनुकूल जैन से गर्भगृह में दर्शन को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि महाकाल मंदिर प्रशासक ही कुछ बता सकेंगे हमारे यहाँ से किसी को प्रोटोकॉल नहीं दिया गया।
महाकाल के गर्भ गृह में एक साल से बंद है प्रवेश
4 जुलाई 2023 को श्रावण महीने में आने वाली भीड़ की देखते हुए 11 सितंबर 2023 तक के लिए गर्भगृह बंद किया गया था। उस दौरान मंदिर समिति ने कहा था कि सावन खत्म होते ही गर्भगृह आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा। अब एक साल बीत जाने के बाद भी गर्भगृह आम भक्तों के लिए नहीं खोला गया है। 4 जुलाई 2023 से पहले 1500 रुपए की रसीद काटकर गर्भगृह में अभिषेक-पूजन करने दिया जाता था। वर्तमान में गणेश मंडपम् और नंदी हॉल से श्रद्धालुओं को दर्शन करवाए जा रहे हैं। महाकाल मंदिर के महेश पुजारी ने बताया कि पहले 1500 रुपए की रसीद कटाकर लोगों को प्रवेश मिल रहा था। शुल्क लगाकर दर्शन कराना उचित था। अब देश भर के भक्त चाहते हैं कि महाकाल का गर्भगृह खुले। श्रद्धालुओं को एक लोटा जल चढ़ाने का मौका मिलना चाहिए। सावन खत्म हो चुका है, अब गर्भगृह के दर्शन पुन: प्रारंभ कर देना चाहिए।