उज्जैन। शहर को खराब करने वाली टाटा कंपनी अब रूद्रसागर में काम करेगी और दावा किया जा रहा है कि 5 अपै्रल से रूद्रसागर में गंदा पानी नहीं मिलेगा। अभी रूद्रसागर में सीवर लाईन का पानी नालों के रूप में मिल रहा है जो भयंकर गंदा है। हरिफाटक पुल के समीप अतिक्रमण से मुक्त कराई गई मन्नत गार्डन वाली जमीन पर जल्द मेघदूत वन बनाने का काम शुरू होगा। 15 अप्रैल से रूद्रसागर में स्वच्छ पानी भरना शुरू कर दिया जाएगा। इस पर टाटा कंपनी ने दावा किया है कि 5 अप्रैल तक वह रूद्रसागर में मिल रहे सीवर के पानी को रोक देगी। गुरुवार को बृहस्पति भवन में कलेक्टर आशीष सिंह ने महाकाल मन्दिर विस्तारीकरण योजना के कामों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि दूसरे चरण सभी काम टाईम लाइन पर किए जाने होंगे। उन्होंने कहा कि यह तभी संभव हो पाएगा जब यह काम प्रतिदिन की योजना बनाकर किए जाएंगे। बैठक में नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता, एडीएम संतोष टैगोर, यूडीए सीईओ एसएस रावत, स्मार्ट सिटी सीईओ आशीष पाठक, महाकालेश्वर मन्दिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ मौजूद थे। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि रूद्र सागर गहरीकरण जल्द शुरू किया जाए और प्रतिदिन के हिसाब काम करवाकर उसकी मॉनीटरिंग की जाए।
रूद्र सागर से जलकुंभी हटाने का काम को पूरा करने के बाद 15 अप्रैल से इसमें स्वच्छ पानी भर जाना चाहिए। इस पर कलेक्टर ने रूद्र सागर में गंदा पानी नहीं मिलने से रोकने के लिए टाटा द्वारा अब तक किए गए कार्यों की समीक्षा की। इस पर टाटा के इंजीनियरों ने बताया कि 5 अप्रैल से रूद्र सागर में सीवर का पानी मिलना बंद हो जाएगा। कलेक्टर ने पीएचई के अधिकारियों से कहा कि अगर नर्मदा की लाइन से रूद्र सागर में स्वच्छ जल भरना हो तो इस प्रक्रिया में कितना समय लगेगा, आकलन करके बताएँ। महाकाल कॉरिडोर का कार्य 30 अप्रैल तक पूर्ण करने के लिये कलेक्टर ने कहा। रूद्र सागर व चारधाम व महाकालेश्वर मन्दिर के बीच बनने वाले ब्रिज की डिजाईन कॉरिडोर से मैच करने की बात आप ने अधिकारियों से कही। इस दौरान बैठक में कलेक्टर ने अतिक्रमण से मुक्त कराई गई मन्नत गार्डन वाली जमीन के बारे में अधिकारियों से पूछा तो उन्हें बताया कि उक्त जमीन पर मेघदूत वन बनाया जाएगा। कलेक्टर ने सेकंड फेज के मेघदूत-1, शिखर दर्शन एवं अन्य सभी कार्यों के लिये भी टाईमर लगाने के निर्देश दिये हैं।
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