भोपाल (Bhopal) । भोपाल (Bhopal) में संस्कृति बचाओ मंच ने चंद्रयान-3 की चंद्रमा (moon) पर सफल लैंडिंग की कामना के साथ रुद्राभिषेक (Rudrabhishek) पूजन किया है. इसमें पंडितों ने मंत्रोच्चारण (chanting) के साथ ये रुद्राभिषेक किया.
भारत का मिशन चंद्रयान-3 23 अगस्त को शाम 6 बजे सॉफ्ट लैंडिंग करेगा. वहीं, भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया की नजरें चंद्रयान-3 पर टिकी हुई है. वहीं इसकी सफलता के लिए विशेष अनुष्ठान और अभिषेक किया जा रहा है. पुराणों के अनुसार चंद्रमा की गिनती शिव के गणों में होती है.
वहीं उज्जैन के अलावा चंद्रयान की सफल लैंडिंग के लिए भोपाल में विशेष पूजा अर्चना की गई. महादेव का रुद्राभिषेक पूजन इस कामना के साथ किया जा रहा है कि चंद्रयान की चंद्रमा पर लैंडिंग सफल रहे. लोगों ने यहां मंत्रोच्चार के साथ महादेव का विशेष पूजा अभिषेक किया है.
यूं तो श्रावण मास में रुद्राभिषेक का विधान होता ही है, लेकिन मध्य प्रदेश के राजधानी भोपाल में संस्कृति बचाओ मंच ने चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग की कामना के साथ रुद्राभिषेक पूजन किया है. इस पूजा में एक साथ पंडितों ने मंत्रोच्चारण के साथ ये रुद्राभिषेक किया और भगवान शंकर से प्रार्थना की. भारत का ये प्रयास सफल रहे.
इसी कारण श्रावण मास में चंद्रयान की सफल लैंडिंग के लिए भोपाल में विशेष पूजा अर्चना की गई. महादेव का रुद्राभिषेक पूजन इस कामना के साथ किया जा रहा है कि चंद्रयान की चंद्रमा पर लैंडिंग सफल रहे. लोगों ने यहां मंत्रोच्चार के साथ महादेव का विशेष पूजा अभिषेक किया है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चंद्रयान और उसके लैंडर विक्रम को लगातार ट्रैक किया जा रहा है और पूरे मिशन की कमान संभाली जा रही है. सोमवार को अच्छी खबर आई कि चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने चंद्रमा की कक्षा में चंद्रयान-3 से संपर्क किया है और उसका स्वागत किया है.
भोपाल में किया जा रहा रुद्राभिषेक
यूं तो श्रावण मास में रुद्राभिषेक का विधान होता ही है, लेकिन मध्य प्रदेश के राजधानी भोपाल में संस्कृति बचाओ मंच ने चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर सफल लैंडिंग की कामना के साथ रुद्राभिषेक पूजन किया है. इस पूजा में एक साथ पंडितों ने मंत्रोच्चारण के साथ ये रुद्राभिषेक किया और भगवान शंकर से प्रार्थना की. भारत का ये प्रयास सफल रहे.
संस्कृति बचाओ मंच ने कराया रुद्राभिषेक
संस्कृति बचाओ मंच के संयोजक चंद्रशेखर तिवारी ने कहा है कि चंद्रयान की सफल लैंडिंग के लिए संस्कृति बचाओ मंच ने भगवान शंकर का रुद्राभिषेक किया है. महादेव के एक गण में चंद्रमा भी है. चंद्रमा महादेव के शिखर पर विराजमान है. इस कारण भगवान शंकर को चंद्रशेखर भी कहा जाता है. तिवारी का कहना है कि ये जो तीन महीने हैं, इनमें महादेव के पास सारी संपदा रहती है. उनके गण की सफलतम लैंडिंग अब निश्चित है.
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