सागर। मध्य प्रदेश के सागर जिले के ढाना गांव में एक आदिवासी की प्रताड़ना से मौत को लेकर बवाल मच गया है। वन विभाग द्वारा ट्रैक्टर जप्त करने को लेकर आदिवासी मनीराम का ट्रैक्टर रेंजर के आदेश पर जप्त कर लिया गया था। यह आदिवासी मनीराम रेंजर और वन विभाग से बार-बार अपना ट्रैक्टर छोड़ने की अपील कर रहा था , लेकिन ट्रैक्टर छोड़ने की बजाय उसे वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों द्वारा काफी प्रताड़ित किया गया , जिसके बाद उसकी रहस्यमई परिस्थितियों में मौत हो जाने के बाद इलाके में गुस्सा भड़क गया है। मनीराम के परिजनों ने आज शव को सड़क पर रखकर चक्का जाम लगाकर खूब हंगामा मचाया और प्रताड़ित करने के आरोपी रेंजर को गिरफ्तार करने की जोरदार मांग की है। जब मनीराम के परिजन चक्का जाम कर हंगामा मचा रहे थे , तब वहां पर शिवराज सरकार के कद्दावर पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव भी पहुंच गए और उन्होंने भी धरना देना शुरू कर दिया तब कहीं जाकर प्रशासन हरकत में आया। जिले के कलेक्टर और एसपी ने मौके पर पहुंचकर मनीराम के परिजनों को न्यायिक जांच का भरोसा दिया है, तब कहीं जाकर यह मामला शांत हुआ। इससे पहले पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव ने पुलिस को यहां तक चेतावनी दे दी थी कि अगर मामले पर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो मैं गांव से काफी लोगों को बुला लूंगा। मंत्री भार्गव ने यह भी नाराजगी भरे लहजे में कहा कि मैंने लगभग 15 दिन से रेंजर को ट्रैक्टर छोड़ने के लिए कहा था , लेकिन वन विभाग के अधिकारियों ने टालमटोल रवैया अपनाते हुए ट्रैक्टर को नहीं छोड़ा। सूत्रों के अनुसार आदिवासी मनीराम ने अपने ट्रैक्टर से वन विभाग की कुछ जमीन जोत ली थी, जिसके बाद यहां पदस्थ रेंजर के आदेश पर वन विभाग की टीम ने उसका ट्रैक्टर जप्त कर लिया था । सूत्रों के मुताबिक ट्रैक्टर छुड़वाने आए आदिवासी युवक को काफी प्रताड़ित भी करने के आरोप वन विभाग के अधिकारी कर्मचारियों पर लग रहे हैं ।
पूर्व मंत्री डॉक्टर गोविंद सिंह ने शिवराज सरकार पर साधा निशाना
सागर में आदिवासी की मौत मामले को लेकर अब पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे डॉक्टर गोविंद सिंह ने शिवराज सरकार पर जमकर निशाना साधा है। पूर्व मंत्री गोविंद सिंह ने मौजूदा पीडब्ल्यूडी मंत्री गोपाल भार्गव की हिम्मत की तारीफ करते हुए कहा है कि शिवराज सरकार ने अब उन्हें नंबर 3 का नेता बना दिया है । उन्होंने यह भी तंज कसते हुए कहा कि शिवराज सरकार में गोपाल भार्गव जैसे मंत्रियों की अनदेखी की जा रही है।
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