नई दिल्ली: संसद का बजट सत्र सोमवार को शुरू हो गया. आज दोपहर यहां आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाएगा और उसके बाद कल सुबह देश का बजट रखा जाएगा. हालांकि इससे पहले लोकसभा में नीट पेपर लीक मामले की गूंज सुना दी. इस मुद्दे पर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और डीएमके जैसी विपक्षी पार्टियों ने सरकार को जमकर घेरा और नीट एग्जाम रद्द करने की मांग की. इस दौरान लोकसभा में कांग्रेस की तरफ से मोर्चा संभालने हुए विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कुछ ऐसा कह दिया, जिससे शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भड़क गए.
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, ‘मुद्दा यह है कि देश में लाखों छात्र हैं जो इस बात से बेहद चिंतित हैं कि क्या हो रहा है और उनका मानना है कि भारतीय एग्जाम सिस्टम एक फ्रॉड है. लाखों लोग मानते हैं कि अगर आप अमीर हैं और आपके पास पैसा है, तो आप भारतीय परीक्षा प्रणाली को खरीद सकते हैं. लोग जानते हैं कि आप पैसे से पेपर खरीदे जा सकते हैं और यही भावना विपक्ष की भी है.’
राहुल गांधी ने शिक्षा मंत्री पर प्रहार करते हुए कहा, ‘पूरे देश के सामने यह बात साफ है कि हमारी परीक्षा प्रणाली में बहुत गंभीर समस्या है. सिर्फ NEET में ही नहीं बल्कि सभी प्रमुख परीक्षाओं में… कई ऐसे सवाल हैं जिनका जवाब मंत्री (धर्मेंद्र प्रधान) जी को देना होगा. इसे सिस्टमैटिक लेवलपर ठीक करने के लिए आप क्या कर रहे हैं? मंत्री ने खुद को छोड़कर सभी को दोषी ठहराया है. मुझे नहीं लगता कि उन्हें यहां जो कुछ चल रहा है उसकी बुनियादी बातें भी समझ में आती हैं.’
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के इस बयान पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान भड़क गए. उन्होंने सदन को संबोधित करते हुए कहा, ‘मेरी शिक्षा संस्कार का सार्टिफिकेट मुझे किसी से नहीं चाहिये. मेरे लोगों ने मुझे चुनकर भेजा है. मेरे प्रधानमंत्री ने मुझे ज़िम्मेदारी दी है. यह कहना कि देश का एक्जामिनेशन सिस्टम कबाड़ है… इससे दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं हो सकता.’
धर्मेंद्र प्रधान ने इसके साथ ही कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘कपिल सिब्बल ने वर्ष 2010 में उन्हीं की सरकार में शिक्षा सुधार में बिल लाया था. आज राहुल गांधी उसी पर सवाल उठा रहे हैं. रिमोर्ट से सरकार चलाने वाले ज्ञान दे रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘…पिछले 7 सालों में पेपर लीक का कोई सबूत नहीं मिला है. यह मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है…मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कह सकता हूं कि NTA के बाद 240 से अधिक परीक्षाएं सफलतापूर्वक आयोजित की गई हैं…’
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