नई दिल्ली । दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi HC) ने सोमवार को दिल्ली पुलिस (Delhi police) को ‘कश्मीर फाइल्स’ विवाद (‘Kashmir Files’ Controversy) के दौरान 30 मार्च को सीएम अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) के आवास के बाहर हंगामे (Ruckus Outside Residence) की जांच के संबंध में अपनी स्थिति रिपोर्ट (Status Report) की एक प्रति मुख्यमंत्री सचिवालय में (In CM Secretariat) भेजने का निर्देश दिया (Instructed To Send) । कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी और न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पुलिस द्वारा सीलबंद लिफाफे में स्थिति रिपोर्ट जमा करने के बाद निर्देश जारी किया।
सुरक्षा पहलू पर विचार करते हुए, पीठ ने कहा कि वह याचिकाकर्ता आप विधायक सौरभ भारद्वाज के साथ रिपोर्ट साझा करने के इच्छुक नहीं है। अदालत ने कहा, “चूंकि यह मुख्यमंत्री के आवास पर व्यवस्था से संबंधित है, उनकी सुरक्षा के पहलू को देखते हुए, हम याचिकाकर्ता के साथ इसे साझा करने के इच्छुक नहीं हैं। हालांकि, रिपोर्ट की एक प्रति सीलबंद लिफाफे में सीएम सचिवालय को भेजी जाए।”
17 मई को पिछली सुनवाई के दौरान, दिल्ली पुलिस ने अदालत को अवगत कराया था कि उसने सिविल लाइंस मेट्रो स्टेशन पर विरोध प्रदर्शनों को प्रतिबंधित कर दिया था, जहां दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का आवास स्थित है, और वहां सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। अदालत ने 25 अप्रैल को मुख्यमंत्री आवास के बाहर हुई तोड़फोड़ की घटना में सुरक्षा में गंभीर चूक देखी और पुलिस आयुक्त को मामले की जांच करने का निर्देश दिया।
पीठ ने पुलिस को दो सप्ताह के भीतर एक और स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था, जिसमें- सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के संबंध में पहलुओं का खुलासा करने के साथ ही आगे क्या कदम उठाए गए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो- शामिल हो। आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने तोड़फोड़ की घटना की स्वतंत्र जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन की मांग करते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था।
30 मार्च को, दिल्ली विधानसभा में ‘द कश्मीर फाइल्स’ फिल्म पर उनकी टिप्पणी पर भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा की अगुवाई में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान केजरीवाल के आवास के बाहर हंगामा करने के लिए लगभग 70 लोगों को हिरासत में लिया गया था।
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