बेंगलुरु । ग्रामीण विकास और पंचायत राज मंत्री (Rural Development and Panchayat Raj Minister) के.एस. ईश्वरप्पा (K.S. Ishwarappa) को बर्खास्त करने की मांग (Demand for Dismissal) को लेकर कांग्रेस विधायकों (Congress MLAs) के हंगामे (Ruckus) के बीच कर्नाटक विधानसभा (Karnataka Assembly) मंगलवार को 4 मार्च तक के लिए स्थगित कर दी गई (Adjourned till 4 March), जिन्होंने कहा था कि लाल किले (Red Fort) के ऊपर भगवा झंडा (Saffron Flag) फहराया जाएगा (Will be Hoisted) ।
कार्यवाही शुरू होने के तुरंत बाद, कांग्रेस विधायकों ने विरोध करना शुरू कर दिया और मंत्री ईश्वरप्पा को बर्खास्त करने की मांग को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी। इस पर, अध्यक्ष विश्वेश्वर हेगड़े कागेरी ने विरोध कर सदस्यों को शांत करने का एक निर्थक प्रयास किया और उनसे एक प्रश्न और उत्तर सेशन की अनुमति देने का अनुरोध किया।
जब उनके बार-बार अनुरोध करना भी विफल हो गया, तो परेशान होकर अध्यक्ष ने कांग्रेस विधायकों पर सत्र के पांच दिन बर्बाद करने का आरोप लगाया। विरोध के बीच सत्तारूढ़ भाजपा सरकार ने मुख्यमंत्री, मंत्रियों, अध्यक्ष और अध्यक्ष के वेतन में वृद्धि करने वाला विधेयक पेश किया और पारित किया।
कर्नाटक विधानमंडल वेतन, पेंशन और भत्ता संशोधन विधेयक 2022 को अराजकता के बीच पारित किया गया और प्रति वर्ष कुल 67 करोड़ रुपये के अतिरिक्त व्यय को मंजूरी दी गई है। विधेयक में मंत्रियों के यात्रा और किराया भत्ते में भी संशोधन किया गया है।
झंडे वाली टिप्पणी को लेकर मंत्री ईश्वरप्पा को बर्खास्त करने की मांग को लेकर कांग्रेस विधानसभा में दिन-रात धरना दे रही है। हालांकि, ईश्वरप्पा ने कहा कि वह शेर है और विपक्ष जंगल के अन्य जानवरों की तरह है जो हमेशा शेरों से डरते हैं। उन्होंने बचाव में कहा, “वे पांच दिनों से प्रार्थना की तरह मेरा नाम ले रहे हैं। मैंने भगवा झंडा फहराने के बारे में कुछ भी गलत नहीं कहा है। मैंने तिरंगा हटाने के बारे में कुछ नहीं कहा।”
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