नई दिल्ली । केंद्र सरकार (Central Government) की अग्निपथ योजना के खिलाफ (Against Agneepath Scheme) देशभर में (Across the Country) बवाल हुआ (Ruckus) । बिहार (Bihar), राजस्थान (Rajasthan), हरियाणा (Haryana), उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh), मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh), दिल्ली (Delhi) और हिमाचल (Himachal) समेत अन्य राज्यों में युवा विरोध में आ गए (Youth Came Out in Protest) । कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया (Many Vehicles set on Fire)। बिहार में ट्रेन में आग लगा दी (Train Set on Fire in Bihar) । इसी बीच हरियाणा के रोहतक में (In Rohtak)एक छात्र ने आत्महत्या तक कर ली (A Student Commits Suicide) ।
सशस्त्र बलों में अल्पकालिक भर्ती के लिए सरकार की नई योजना अग्निपथ योजना के विरोध में गुरुवार को सेना में भर्ती चाहने वाले सैकड़ों युवाओं ने गुरुग्राम के बिलासपुर इलाके में दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे को अवरुद्ध कर दिया। एक्सप्रेस-वे पर कई किलोमीटर तक जाम की स्थिति बनी रही। विरोध कर रहे रक्षा उम्मीदवारों ने पीएम मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और नई योजना को वापस लेने की मांग की। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, “सरकार को चार साल की योजना को वापस लेना चाहिए। यह नई योजना राष्ट्र की सेवा के लिए सेना में शामिल होने के इच्छुक उम्मीदवारों के हितों को बाधित करेगी।”
ट्रैफिक पुलिस कंट्रोल रूम के एक सिपाही ने भी बिलासपुर के पास दिल्ली-जयपुर एक्सप्रेसवे पर ट्रैफिक जाम की पुष्टि की। उन्होंने कहा, “हमारे यातायात कर्मी ट्रैफिक को डायवर्ट करने और जाम हटाने के लिए प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए मौके पर हैं क्योंकि उन्होंने एक्सप्रेसवे पर यातायात की आवाजाही को बाधित करने के लिए ट्रकों को राजमार्ग के बीच में रोक दिया है।”
बिहार से शुरू हुआ अग्निपथ स्कीम के खिलाफ विरोध गुरुवार को हरियाणा तक जा पहुंचा। यहां राज्य के कई शहरों में युवा सैंकड़ों की संख्या में एकत्रित हुए और तोड़फोड़ करते हुए आगजनी करने लगे। पलवल में हंगामा कर रहे छात्रों ने पुलिस की तीन गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया। वहीं रोहतक के पीजी होस्टल के कमरे में एक स्डूटेंट ने योजना के विरोध के चलते फांसी लगाकर अपनी जान दे दी। मृतक की पहचान सचिन के तौर पर हुई जो कि जींद जिले के लिजवाना गांव का रहने वाला था। सचिन केंद्र सरकार की आर्मी में भर्ती को लेकर आई नई स्कीम आग्निपथ के विरोध में था।
बिहार में अग्निपथ स्कीम के विरोध का आज दूसरा दिन है। कई जिलों में हजारों की संख्या में युवा सड़क पर उतर आए हैं। रेल की पटरियों पर कब्जा जमा लिया है। एक ट्रेन में आग लगा दी है तो रेलवे स्टेशन पर पत्थरबाजी भी की है। सड़क पर उतरे युवाओं का बवाल देख पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है। न ट्रेन आगे बढ़ पा रही है और न ही हाइवे पर गाड़ियां। छात्रों को समझाने की कोशिश भी चल रही है, लेकिन वे मानने को तैयार नहीं।
केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ राजस्थान के युवा विरोध में आ गए हैं और उनकी अगुवाई सांसद हनुमान बेनीवाल कर रहे हैं। सीकर से लेकर जोधपुर और जयपुर में जगह-जगह युवा मोदी सरकार के विरोध में नारेबाजी कर रहे हैं। सेना भर्ती की तैयारी कर रहे छात्रों ने चक्काजाम कर दिया है। बीच सड़क पर टायर जलाकर छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। सांसद बेनीवाल का कहना है कि अगर सरकार पुर्नविचार नहीं करती है तो हम संसद घेरने आ रहे हैं, तैयार हो जाइए। सांसद ने कहा कि इस योजना में कई लकुने हैं, उनको सही नहीं किया जा सकता है। योजना को रद्द करना ही सही है।
यूपी में भी अभियान के खिलाफ नारेबाजी की गई। लखनऊ से लेकर नोएडा तक अभियान के खिलाफ नारेबाजी की गई। प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार की सुबह से ही कई हाईवे और मुख्य मार्ग को जाम कर दिया है।हिमाचल प्रदेश में भी केंद्र सरकार की अग्निपथ स्कीम का जमकर विरोध हो रहा है। हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में चुनाव अभियान के लिए जा रही मोदी की रैली में विरोध जताने जा रहे युवाओं को रोका गया। खास बात है यह है कि आज पीएम मोदी हिमाचल के धर्मशाला के दौरे पर हैं, जहां प्रधानमंत्री एक रैली को संबोंधित करने वाले हैं। हजारों की संख्या में युवा एकत्रित होकर मोदी की रैली में विरोध जताने जा रहे युवाओं को पुलिस ने रोक दिया गया है।
अग्निपथ स्कीम के खिलाफ बिहार से निकली ये चिंगारी अब मध्यप्रदेश तक पहुंच गई। सबसे ज्यादा असर ग्वालियर शहर में देखने को मिल रहा है। यहां सेना भर्ती की तैयारी कर रहे छात्रों ने हाईवे जाम कर दिया है। इतना ही नहीं बीच सड़क पर टायर जलाकर केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। वहीं रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ कर, ट्रैक पर आग लगा दी।
देशभर में केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे युवाओं का कहना है कि वैसे ही पिछले की सालों से सेना में भर्ती नहीं हुई है। अब सरकार सिर्फ चार साल की नौकरी वाली योजना लाई गई है। ये हमारे साथ धोखा है। नए नियम के अनुसार चार साल पूरे होने के बाद 25 प्रतिशत अग्निवीरों को स्थायी काडर में शामिल कर लिया जाएगा लेकिन बाकी के 75 फीसदी अग्निवीरों का क्या होगा? सरकार की तरफ से उन्हें 12 लाख रुपए सेवा निधी तो जरुर मिलेगी लेकिन क्या ये जीवन गुजारने के लिए काफी होगा? क्या उनके पास दूसरी नौकरी का भी विकल्प होगा? बता दें कि सेना में जितनी भी भर्तियां होंगी, वो अग्निपथ स्कीम के तहत ही की जाएंगी। पुराने मेडिकल या फिजकल टेस्ट को नहीं माना जाएगा। युवाओं को भर्ती के लिए अग्निपथ स्कीम के तहत ही आवेदन करना होगा।
बता दें की मोदी सरकार की इस योजना के तहत 4 साल के लिए तीनों सेनाओं में सैनिकों की भर्ती की जाएगी। अग्निवीरों को 30 हजार से 40 हजार सैलरी और अन्य फायदे मिलेंगे। वे तीनों सेनाओं के स्थायी सैनिकों की तरह अवॉर्ड, मेडल और इंश्योरेंस कवर पाने के हकदार भी रहेंगे। इस योजना का ऐलान करते हुए कहा गया कि सरकार ने सैलरी और पेंशन का बजट कम करने के लिए यह फैसला किया है। अग्निपथ के तहत हर साल करीब 45 हजार युवाओं की भर्ती होगी। इनकी उम्र 17.5 से 21 साल के बीच होगी।
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