नई दिल्ली। रुचि सोया इंडस्ट्रीज (Ruchi Soya Industries) पतंजलि के बिस्किट कारोबार का अधिग्रहण करने जा रही है. कंपनी पतंजलि नेचुरल बिस्किट प्राइवेट लिमिटेड (Patanjali Natural Biscuit) को 60.02 करोड़ रुपये में खरीद रही है. कंपनी ने बताया कि 10 मई 2021 को बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स (Board of directors) ने बिजनेस ट्रांसफर एग्रीमेंट (BTA) पर हस्ताक्षर भी कर दिए हैं. अधिग्रहण की प्रक्रिया दो महीनों के भीतर पूरी हो जाएगी. रुचि सोया इंडस्ट्रीज (Ruchi Soya Industries) ने कहा है कि अधिग्रहण की रकम का दो किस्तों में भुगतान किया जाएगा. इसमें 15 करोड़ रुपये एग्रीमेंट की क्लोजिंग डेट पर या उससे पहले दिए जाएंगे. बाकी के 45 करोड़ रुपये क्लोजिंग डेट के 90 दिन के अंदर चुकाए जाएंगे.
रुचि सोया (Ruchi Soya Industries) ने बताया कि सौदे में कुछ कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग एग्रीमेंट (Contract manufacturing agreement) भी हैं. यही नहीं, कर्मचारियों के साथ-साथ कंपनी की संपत्तियां (Assets) भी ट्रांसफर होंगी. मौजूदा संपत्तियां और देनदारियों (Liabilities) समेत तमाम लाइसेंस व परमिट भी रुचि सोया को ट्रांसफर होंगे. इस अधिग्रहण का मकसद कंपनी के मौजूदा प्रोडक्ट पोर्टफोलिया को बढ़ाना है. रुचि सोया भारत में न्यूट्रिला, महाकोश, रुचि गोल्ड, रुचि स्टार और सनरिच जैसे ब्रांड के साथ कारोबार कर रही है. एक वक्त ऐसा भी था जब रुचि सोया कर्ज में डूबी थी. इसके बाद पतंजलि आयुर्वेद ने 2019 में कंपनी को 4350 करोड़ रुपये में खरीद लिया. इसके लिए पतंजलि को 3200 करोड़ रुपये का कर्ज लेना पड़ा था. पतंजलि (Patanjali) ने रुचि सोया को खरीदने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) से 1200 करोड़, सिंडिकेट बैंक से 400 करोड़, पंजाब नेशनल बैंक से 700 करोड़, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 600 करोड़ और इलाहबाद बैंक से 300 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था. साफ है कि रुचि सोया और पतंजलि नेचुरल बिस्किट प्राइवेट लिमिट बाबा रामदेव (Baba Ramdev) की ही कंपनियां हैं. पंतजलि की शुरुआत बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने 2006 में की थी. अभी कंपनी की 99.6 फीसदी हिस्सेदारी आचार्य बालकृष्ण के पास है. बाबा रामदेव कंपनी के को-फाउंडर हैं. वहीं, बाबा रामदेव रुचि सोया में नॉन एग्जिक्युटिव नॉन इंडिपेंडेंट डायरेक्टर हैं.