रैपिड टेस्टिंग से मात्र 2 ‘ ही पाजिटिव तो पुरानी पद्धति से 10 गुना ज्यादा
इन्दौर। पिछले एक महिने से आरटीपीसीआर टेस्टिंग घटाकर रैपिड एंटीजन टेस्ट ज्यादा किए जा रहे हैं। आरटीपीसीआर टेस्ट की सरकारी रिपोर्ट 2 से 3 दिन में आती है। जबकि निजी लैब से 4-5 घंटे में मिल जाती है। वहीं एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट 20 मिनट में यानी हाथों-हाथ नेगेटिव या पॉजिटिव बता दी जाती है। पिछले एक महिने में रैपिड टेस्ट के जरिए जितने पाजीटिव मरीज मिले हैं। उससे दस गुना ज्यादा आरटीपीसीआर टेस्ट में पाए गए। यानि एंटीजन टेस्ट में पाजीटिव रैट 2 प्रतिशत रहा तो वहीं आरटीपीसीआर में यह 20 प्रतिशत तक पहुंच गया। अभी हालांकि कीट की कमी के चलते रैपिड टेस्ट घट गए हैं। उल्लेखनीय है कि दुनिया भर में कोरोना का सबसे विश्वसनी? टेस्ट आरटीपीसीआर ही माना जाता है और शुरूआत से देश भर में यही टेसक्ट कराए जा रहे थे। पिछले एक डेञढ़ महिने में रैपिट एंटीजन टेस्ट बढ़ गए लेकिन अभी भी आरटीपीसीआर ही अधिक भरोसेमंद बताया जाता है। इन्दौर में अगर पिछले पखवाड़े से एंटीजन टेस्ट बढ़ाए गए और इसकी तुलना में आरटीपीसीआर टेस्ट घट गए। बिते 30 से 35 दिनों की टेस्ट रिपोर्ट देखें तो एंटीजन टेस्ट 58 हजार से अधिक किए गए जिसमें 1200 के लगभग पाजीटिव मरीज मिले् हैं। जूबकि इसी अवधि में आरटीपीसीआर में 46 हजार टेस्ट किए गए और लगभग 9 हजार 9 सौ पाजीटिव मिले हैं।
किट की कमी से 10 प्रतिशत तक घट गई सैम्पलिंग
अभी रैपिड एंटीजन टेस्ट का टोटा है। इसके चलते बीते चार-पांच दिनों में रोजाना टेस्टिंग घट गई है। उसके पहले तीन साढ़े तीन हजार टेस्ट रोजाना किए जा रहे थे। जबकि अब 2 हजार टेस्ट ही हो पा रहे हैं। इसमें निजी लैब के टेस्ट भी शामिल है। कल रात तक रैपिंड एंटीजन टेस्ट साढ़े 58 हजार किए गए हैं। अऊभी फीवर क्लीनिक में भी रैपिंड एंटीजन से ही ज्यादा टेस्टिंग कराई जा रही है। इसके चलते कीट जल्द ही समाप्त हो जाती है। भोपाल से इन्दौर कीट बुलवाई जाती है। हालांकि प्रदेश शासन यह कीट कोरिया से मंगवाता है। वहीं आरटीपीसीआर टेस्ट एमजीएम मेडिकल कालेज की लैब में किए जाते हैं और अभी बड़ी संख्या में लोग यह टेस्ट निजी लैब में भी करवा रहे हैं औसतन रोजाना 300-400 टेस्ट निजी लैब में भी करवाए जा रहे हैं।
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