उज्जैन। प्रदेश में परिवहन विभाग अपनी सेवाओं को हाईटेक करने के साथ ही अब कर्मचारियों को भी टेक्नोलॉजी के स्तर पर हाईटेक करने जा रहा है। अब आरटीओ ऑफिस में काम करने वाले बाबुओं को काम करने के लिए टैबलेट दिए जाएंगे। इनका इस्तेमाल बाबू लाइसेंस की नई व्यवस्था के तहत आवेदक और दस्तावेजों के वेरिफिकेशन के लिए कर सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 1 अगस्त से ऑनलाइन लर्निंग लाइसेंस की व्यवस्था लागू हुई है। इसके बाद परमानेंट लाइसेंस की व्यवस्था भी बदल चुकी है। ऑनलाइन लर्निंग लाइसेंस बनवाने वाले आवेदकों का ड्राइविंग टेस्ट स्मार्टचिप कंपनी द्वारा ऑटोमेटेड ड्राइविंग ट्रैक पर वाहन चलवाकर नहीं लिया जा रहा है, बल्कि अब यह टेस्ट पहले की तरह परिवहन विभाग के अधिकारी ले रहे हैं। इस व्यवस्था में आवेदक के ऑफिस में आने पर उसका और उसके दस्तावेजों के वेरिफिकेशन का जिम्मा बाबुओं को दिया गया है।
इसके लिए बाबुओं को बार-बार स्मार्टचिप के सिस्टम पर जाना पड़ रहा है। इसे देखते हुए योजना बनाई गई है कि बाबुओं को वेरिफिकेशन के लिए टैबलेट दिए जाएंगे, जिससे वे अपने स्थान से ही वेरिफिकेशन की प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे। इससे बाबुओं और आवेदकों को भी सुविधा मिलेगी ऑनलाइन लर्निंग लाइसेंस की व्यवस्था लागू होने से पहले आरटीओ में स्मार्टचिप कंपनी द्वारा टैबलेट पर आवेदकों के लर्निंग लाइसेंस टेस्ट लिए जाते थे, लेकिन ऑनलाइन व्यवस्था के बाद यहां मौजूद 10 से ज्यादा टैबलेट उपयोग में नहीं आ रहे हैं। इसे देखते हुए योजना बनाई गई है कि इन टैबलेट्स को बाबुओं को अलॉट कर दिया जाए। इसे लेकर कंपनी से भी बात की जा रही है। अगर बात बनती है तो यही टैबलेट बाबुओं को मिलेंगे, अन्यथा विभाग बाबुओं को नए टैबलेट देगा। इस सुविधा से निश्चित रूप से आरटीओ का कामकाज सुधरेगा और लोग जो लायसेंस बनवाने और अन्य काम के लिए चक्कर लगाते हैं वह कम होंगे।
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