भोपाल । बीते तीन सालों से परिवहन विभाग के कर्मचारी पुलिस के समान खाकी वर्दी पहनने की अनुमति का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन अब तक राजधानी सहित प्रदेश के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय और जिला परिवहन कार्यालय में पदस्थ कर्मचारियों को इसकी अनुमति शासन की ओर से नहीं दी गई है। कर्मचारी लगातार खाकी वर्दी आवंटन करने की मांग कर रह हैं, लेकिन कोरोना काल में खाकी वर्दी की कर्मचारियों की मांग दब गई है। अब एक बार फिर अनलॉक (unlocked) के बाद भोपाल आरटीओ के कर्मचारियों ने खाकी वर्दी की मांग परिवहन विभाग के अधिकारियों के समक्ष रखी है।
मप्र तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ, परिवहन विभाग के प्रदेशाध्यक्ष श्याम यादव ने बताया कि हमारी खाकी वर्दी की मांग निरंतर चलती रहेगी। जब तक शासन की ओर से आरटीओ के वरिष्ठ कर्मचारियों को खाकी वर्दी पहनने की अनुमति नहीं मिल जाती, हम अपनी इस मांग पर अड़े रहेंगे। कोरोना काल (corona period) में काम कराने वाले लोग परेशान न हो, इसलिए हड़ताल तो नहीं करेंगे, लेकिन परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत (Govind Singh Rajput) से खाकी वर्दी की मांग करते रहेंगे। खाकी वर्दी की मांग करने के पीछे एक ही उद्देश्य है कि वाहनों की चेकिंग करते समय चौराहों व तिराहों पर कोई दिक्कत न आए।
अभी आरटीओ कर्मचारियों के सिविल ड्रेस में होने पर बस, ट्रक, कार सहित अन्य वाहन चालक कहने या इशारा किए जाने के बावजूद अपनी गाडिय़ां नहीं रोकते हैं। इस वजह से आरटीओ कर्मचारी वाहन चेकिंग (checking) अभियान भी ठीक तरह से नहीं चल पाते हैं। यदि पुलिस के समान आरटीओ कर्मचारियों को खाकी वर्दी पहनने की अनुमति शासन की ओर से मिल जाती है तो चेकिंग अभियान बेहतर ढंग से चलेगा। नागरिकों से मोटर व्हीकल एक्ट का पालन कराने में दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ेगा। आरटीओ व डीटीओ में पदस्थ कर्मचारियों को चेकिंग अभियान में लगाया जा सकेगा। जमीनी स्तर पर मोटर व्हीकल एक्ट का पालन नहीं करने वाले वाहन चालकों पर कार्रवाई हो सकेगी।
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