लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) उपचुनाव (By-Election) में सभी 9 विधानसभा सीट (Assembly Seat) पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) को जीत दिलाने के लिए संघ परिवार ने पूरी तरह कमर कस रखी है. आरएसएस (RSS) और बीजेपी नेताओं के बीच कल गुरुवार को लखनऊ (Lucknow) में हुई समन्वय बैठक (Coordination Meeting) में मौजूदा हालात के साथ उपचुनाव को लेकर चर्चा हुई. हिंदू एकता के मिशन पर चल रहे संघ को बीजेपी की जीत में अपना हित दिख रहा है. इसीलिए आरएसएस उपचुनाव में बीजेपी के फतह की इबारत लिखने में ही नहीं बल्कि जातियों में बिखरे हिंदुओं को एकजुट करने के लिए हिंदुत्व और राष्ट्रवाद को धार देने का निर्णय लिया गया है.
लखनऊ के मोहनलालगंज स्थित प्रकृति भारती में हुए समन्वय बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार शामिल हुए थे. योगी सरकार और बीजेपी नेताओं के साथ हुई बैठक में अरुण कुमार ने यूपी उपचुनाव का फीडबैक लिया और साथ ही संघ द्वारा बीजेपी की मदद करने का भी प्लान तैयार किया.
सूत्रों की माने तो संघ-बीजेपी की समन्वय बैठक में राष्ट्रवाद और हिंदुत्व नाम पर हिंदू जातियों को एक करने पर मंथन हुआ. ‘बटेंगे तो कटेंगे’ और ‘एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे’, नैरेटिव का असर हरियाणा चुनाव में सफल रहा है. यूपी की उपचुनाव में इन्हीं नारों के साथ सियासी जंग फतह करने और आगे की राजनीतिक दिशा तय करने का फैसला किया गया है. संघ, योगी सरकार और बीजेपी मिलकर जमीनी स्तर पर अमलीजामा पहनाएंगे. सोशल मीडिया का भी सहारा लिया जाएगा. इसके अलावा संघ के कार्यकर्ता भी घर-घर जाकर इस मिशन को धार देंगे और उपचुनाव वाली सीटों पर वोटर्स को लामबंद करेंगे.
लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खराब प्रदर्शन के बाद पार्टी के लिए ये चुनाव प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गई है. इस उपचुनाव के बहाने बीजेपी अपना दमखम दिखाना चाहती है, तो संघ की साख दांव पर लगी है. इसीलिए उपचुनाव के अंतिम दिनों में संघ ने भी संघर्ष वाली सीटों करहल, कुंदरकी, सीसामऊ और कटेहरी में पूरी ताकत झोकने की रणनीति बनाई है. संघ के हिंदुत्व के एजेंडे को इन दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी आगे बढ़ा रहे हैं.
बीजेपी के कार्यक्रमों से दूरी बनाते हुए संघ कार्यकर्ताओं की टोलियां सभी जातियों से संपर्क कर जातियों में बंटे हिंदू समाज को राष्ट्रहित का पाठ पढ़ा रहे हैं. साथ ही वह समाज के हर वर्ग और जाति के बीच सीएम योगी आदित्यनाथ के बटेंगे तो कटेंगे के नारे का मतलब भी समझा रहे हैं. प्रत्येक टोली 5-10 लोगों के छोटे ग्रुप के साथ बैठकें कर रहे हैं. विजय उपाध्याय का कहना है कि संघ की ये टोलियां सीधे तौर पर बीजेपी का समर्थन नहीं करतीं, बल्कि राष्ट्रहित, हिंदुत्व, सुशासन, विकास, लोक कल्याण और स्थानीय मुद्दों पर गहन चर्चा के माध्यम से लोगों की राय बनाने में लगी हैं.
लोकसभा चुनाव से इतर इस बार बीजेपी के जमीनी प्रचार में संघ भी साथ है. उपचुनाव में सीएम योगी आदित्यनाथ के अलावा बाकी सभी नेता जमीन पर उतरकर समीकरणों और समाजों को एक करने तथा बंटने नहीं देने की कवायद में जुटे हैं. संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार ने उपचुनाव के मतदान से पांच दिन पहले योगी सरकार और बीजेपी नेताओं को साथ बैठक कर फीडबैक लेने के साथ जीत की इबारत लिखने की पठकथा लिख दी है, क्योंकि कई सीटें जातीय समीकरण के चलते बीजेपी के लिए काफी मुश्किल भरी मानी जा रही है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved