नई दिल्ली (New Delhi)। आरएसएस से जुड़े संगठन (RSS affiliated organization) मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) (Muslim Rashtriya Manch (MRM) ने दावा किया है कि देश के अधिकांश मुसलमानों (most muslims) का मानना है कि भगवान राम सभी (Lord Ram belongs to everyone) के हैं और उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर के पक्ष में अपनी राय दी। गुजरात के एक धर्मार्थ ट्रस्ट के सहयोग से किए गए सर्वेक्षण के निष्कर्ष का हवाला देते हुए एमआरएम ने यह भी दावा किया कि मुस्लिम समाज के बहुत से सदस्य चाहते हैं कि ‘तथाकथित’ उलेमा, मौलाना और विपक्षी नेता, जो इस्लाम के नाम पर राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहे हैं, उनका पूर्ण बहिष्कार किया जाना चाहिए।
आरएसएस के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार के नेतृत्व वाले मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने सर्वेक्षण रिपोर्ट के हवाले से कहा कि देश के 74 फीसदी मुसलमान अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण से खुश हैं। एमआरएम ने अपने बयान में कहा कि सर्वेक्षण में 74 फीसदी मुसलमानों ने राम मंदिर के पक्ष में और 72 फीसदी मुसलमानों ने मोदी सरकार के पक्ष में खुलकर अपनी राय दी। बयान में कहा गया है कि 26 फीसदी मुसलमानों ने मोदी सरकार पर कोई भरोसा नहीं जताया और ‘धार्मिक कट्टरता’ की बात कही। इन लोगों ने माना कि राम आस्था का विषय हैं लेकिन उन्हें नहीं लगता कि वे कभी राम मंदिर जाएंगे और न ही उन्हें मोदी सरकार पर भरोसा है।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच ने कहा कि आयुर्वेद फाउंडेशन चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, असम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में ‘राम जन सर्वेक्षण’ किया गया और 10,000 लोगों के विचार प्राप्त हुए। एमआरएम ने कहा कि 70 फीसदी मुसलमानों को लगता है कि भारत विश्व शक्ति के रूप में उभरा है। वहीं दूसरी ओर, देश में कुछ ऐसी विनाशकारी और विघटनकारी सोच वाले लोग हैं, जो मुहब्बत की जगह नफरत फैलाने में लगे हुए हैं।
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