नई दिल्ली । हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana Assembly Elections) के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने भाजपा के लिए मजबूत जमीन बनाई थी, जिसकी वजह से पार्टी को दोबारा राज्य की सत्ता मिली। अब यही फॉर्मूला दिल्ली (Delhi) में भी अपनाया जाएगा। आरएसएस ने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा के लिए समर्थन जुटाने को एक जनसंपर्क अभियान शुरू किया है। इस बात से वाकिफ लोगों ने बताया कि यह अभियान महाराष्ट्र और हरियाणा में आरएसएस के प्रयासों को प्रतिबिंबित करता है, जहां भाजपा को जीत मिली।
आरएसएस ने निभाई अहम भूमिका
हरियाणा और महाराष्ट्र दोनों राज्यों में प्रशासनिक कमियों, सत्ता विरोधी लहर और प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद भाजपा को जीत मिली थी। हरियाणा में भाजपा ने लगातार तीसरी बार 90 में से 48 सीटें जीतीं। जबकि महाराष्ट्र में महायुति गठबंधन- जिसमें भाजपा, शिवसेना (शिंदे गुट) और एनसीपी (अजीत पवार) शामिल हैं, ने 288 में से 228 सीटें जीतीं। इन दोनों राज्यों में भाजपा की जीत का श्रेय पार्टी नेताओं ने आरएसएस के अभियान को दिया, जिसने पार्टी के पक्ष में कहानी गढ़ने में मदद की।
दिल्ली के लिए क्या प्लान
दिल्ली में, लगभग 100 आरएसएस स्वयंसेवक अगले कुछ हफ्तों में सोशल ग्रुप और प्रोफेशनल के साथ कई बैठक करेंगे। डिटेल्स से अवगत एक व्यक्ति ने कहा, ‘जैसा महाराष्ट्र और हरियाणा में किया गया था, आरएसएस अपने सहयोगियों के जरिए पूरे राज्य में सैकड़ों बैठक करेगा। उदाहरण के लिए, लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यमियों का प्रतिनिधित्व करने वाली लघु उद्योग भारती व्यापारियों और उद्यमियों से मुलाकात की जाएगी, सेविका समिति के स्वयंसेवक महिला मतदाताओं तक पहुंचेंगे और जेजे क्लस्टरों में काम करने वाले सेवा भारती के पदाधिकारी आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों से बातचीत करेंगे।’
पिछले एक महीने से आरएसएस के वरिष्ठ नेता और भाजपा पदाधिकारी पार्टी के अभियान की रूपरेखा तैयार करने के लिए समन्वय कर रहे हैं, जिसमें अवैध बांग्लादेशी मुख्य मुद्दा है। एक व्यक्ति ने कहा, ‘आरएसएस का अवैध अप्रवास को रोकने का साफ एजेंडा रहा है। दिल्ली में अवैध रूप से बसने वालों की आमद दशकों से एक मुद्दा रही है, लेकिन हाल ही में यह समस्या और बढ़ गई है, क्योंकि म्यांमार और बांग्लादेश के लोग न केवल कानूनी मंजूरी के बिना शहर में रह रहे हैं, बल्कि कुछ मामलों में वे वोटर कार्ड जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेज हासिल करने में कामयाब हो गए हैं, जिससे सुरक्षा संबंधी चिंताएं पैदा हो रही हैं।’
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