नागदा। खाचरौद के एक व्यक्ति का लीवर खराब होने पर उसके उपचार के लिए 5 लाख रुपए की राशि मुख्यमंत्री द्वारा मंजूर की गई। इसी तरह 22 लोगों के लिए कुल 16 लाख रुपए की राशि स्वीकृत कराई गई है।
खाचरौद के बागपुरा निवासी तकविम बेग पिता स्व. वसीम बेग का लीवर खराब हो जाने से लीवर ट्रांसप्लांट की आवश्यकता थी। उनका इलाज इंस्टीट्यूट ऑफ लीवर एण्ड बिलियरी साईंस अस्पताल दिल्ली में चल रहा था। इलाज महंगा होने से वह ऑपरेशन कराने में कठिनाई हो रही थी। उनके परिवार के सदस्यो द्वारा बताया गया कि समय पर ऑपरेशन नहीं हुआ तो उनकी जान को खतरा है। उक्त जानकारी देते हुए पूर्व विधायक दिलीपसिंह शेखावत ने बताया मामले की गंभीरता को समझते हुए इस पूरे प्रकरण को पूर्व केन्द्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत को बताया। तत्पश्चात तकविम बेग की बीमारी का इस्टीमेट बनाकर भोपाल प्रवास कर सांसद अनिल फिरोजिया के सहयोग से मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से भेंट कर इस पूरे मामले से अवगत कराया, जिस पर मुख्यमंत्री ने तत्काल स्वेच्छानुदान योजना मद से राशि 2 लाख रुपये स्वीकृत किये। किन्तु मात्र 2 लाख रुपये से आपरेशन संभव नहीं था, जिसकी जानकारी पुन: पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं क्षेत्रीय सांसद को बताने पर दोनों के सहयोग से प्रधानमंत्री स्वेच्छानुदान योजना मद से पुन: 3 लाख रुपये स्वीकृत कराये गये। इस प्रकार कुल 5 लाख रुपये की स्वीकृत होने पर श्री तकविम बेग के लीवर का सफल ट्रांसप्लांट संभव हो सका। शेखावत ने बताया कि श्री राधेश्याम पिता मोहनलाल चंद्रवंशी निवासी भुवासा का भी किडनी ट्रांसप्लांट किया जाना है। इसके लिये भारतीय जनता पार्टी के मण्डल अध्यक्ष अजयसिंह पंवार एवं महामंत्री राकेश चन्द्रवंशी द्वारा मुझसे अनुरोध किया गया था। जिस बाबत पूर्व केन्द्रीय मंत्री थावरचंद गेहलोत से विगत दिनों मैंने निवेदन किया था जिसके पश्चात् इस व्यक्ति को भी अम्बेडकर फाउण्डेशन मद से राशि 5 लाख की स्वीकृति हो चुकी है। मात्र लीवर डोनेट करने वाला मिल जाने पर शीघ्र ही इनका भी आपरेशन करवाया जायेगा। शेखावत ने बताया कि विगत दिनों में इसी प्रकार ऐसे और भी कई बिमार व्यक्तियों द्वारा मुझसे सम्पर्क कर मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान योजना मद से राशि स्वीकृत करने का अनुरोध किया था। जिनके बीमारी प्रकरण मैंने स्वयं भोपाल ले जाकर मुख्यमंत्री से भेंट कर राशि स्वीकृत करवाई थी। ऐसे 22 लोगों को 16 लाख रुपयों को स्वीकृत करवाया जिससे इन मरीजों का इलाज समय पर संभव हो पाया।
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