नई दिल्ली (New Delhi) । केंद्र सरकार ट्रेनों (trains) को सेमी हाई स्पीड (semi high speed) पर चलाने के लिए रेलवे को 3.20 लाख करोड़ का बजट मुहैया करा सकती है। इस धन से स्लीपर वंदे भारत ट्रेन कोच (Sleeper Vande Bharat Train Coach) का उत्पादन, रेलमार्गों पर टक्करोधी तकनीक- कवच- लगाना, अमृत भारत ट्रेन के कोच-इंजन का निर्माण, नई लाइन का निर्माण, दोहरीकरण, अमान परिवर्तन आदि विकास कार्य किए जाएंगे।
मार्च तक स्लीपर वंदे भारत
रेलवे बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि मार्च तक स्लीपर वंदे भारत ट्रेन चलाने के लिए आईसीएफ, चेन्नई में कोच निर्माण तेज गति से चल रहा है। रेलवे की प्रीमियम राजधानी एक्सप्रेस ट्रेनों की जगह पर स्लीपर वंदे भारत ट्रेनें चलाई जाएंगी। जबकि शताब्दी एक्सप्रेस के स्थान पर वंदे भारत ट्रेनें पहले ही चलाई जा रही हैं। वर्तमान में 80 से अधिक वंदे भारत ट्रेनें दौड़ रही हैं। उन्होंने बताया कि आम जनता को तेज, सुरक्षित और आरामदायक सफर के लिए दोनों प्रकार की वंदे भारत ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जाएंगी।
अमृत भारत ट्रेनों की संख्या बढ़ेगी
रेलवे पुल-पुश तकनीक वाली अमृत भारत ट्रेनों की संख्या बढ़ाने लिए इनके कोच व नए इंजनों का उत्पादन करेगी। पिछले आम बजट में कुल पूंजीगत व्यय 2.60 लाख करोड़ रुपये था। 1 फरवरी को पेश होने वाले अंतरिम बजट में 3.20 लाख करोड़ रुपये का पूंजीगत व्यय का प्रावधान हो सकता है। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगभग 33 प्रतिशत अधिक है। अधिकारी ने बताया कि दिसंबर 2023 तक पूंजीगत व्यय से 1,95,929.97 करोड़ रुपये (75 फीसदी) खर्च किए गए हैं।
उन्होंने बताया कि 3.20 लाख करोड़ रुपये के बजटीय सहायता से दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-कोलकाता सहित अन्य व्यस्त रेलमार्गों पर टक्कररोधी तकनीक कवच को लगाने का काम किया जाएगा। इसके अलावा उक्त दोनों रेलमार्गों पर वंदे भारत ट्रेनों को सेमी हाई स्पीड (160-200 किलोमीटर प्रतिघंटा) पर चलाने के लिए सुधार किया जाएगा।
यात्री ट्रेनों की रफ्तार गति पकड़ेगी
देश में सबसे पहले वंदे भारत ट्रेनों को सेमी हाई स्पीड पर इन दोनों रेलमार्गों पर चलाने की योजना है। इसके अलावा इस बजटीय सहायता से रेलवे के बुनियादी ढांचे को मजबूत बनाने के कार्य- जैसे नई रेल लाइनें, लाइनों का दोहरीकरण, तिहरीकरण, अमान परिवर्तन आदि के कार्य किए जाएंगे। इससे यात्री ट्रेनों की रफ्तार गति पकड़ेगी।
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