इन्दौर। बिजली उपभोक्ताओं के लिए बीता वर्ष राहत भरा रहा, थोड़ी बहुत परेशानी भी आई , लेकिन औसत रिजल्ट काफी कुछ अच्छा रहा। वर्षभर में कंपनी क्षेत्र में औसतन 31 लाख उपभोक्ताओं को हर माह 1 रूपए यूनिट में सौ यूनिट तक सस्ती बिजली मिलती रही। इस वर्ष कंपनी ने दो तीन बार 1000 करोड़ रूपए का राजस्व प्राप्त कर रिकॉर्ड बनाया। सैकड़ों कर्मचारियों को समय पूरा होने पर उच्च वेतन मान दिया गया, प्रत्येक को हजारों रूपए मासिक वेतन वृद्धि हुई।
करंट चार्ज देकर इंजीनियरों को बड़ा पद सौंपा गया। समाधान योजना के तहत कोविड काल के लाखों उपभोक्ताओं के बिल माफ किए गए। मार्च की रिपोर्ट के आधार पर कंपनी को वर्ष एक वर्ष में कुल 9750 करोड़ रूपए से ज्यादा प्राप्त हुए। गर्मी के मौसम में इंदौर शहर में कई बार सवा करोड़ यूनिट बिजली की आपूर्ति हुई। वर्ष में एमडी अमित तोमर ने दस से ज्यादा जिलों का भ्रमण किया। वे खेत, कुंओं, तालाब के पास भी बिजली कनेक्शनों की हकीकत जानने पहुंचे, व्यवस्थाएं संतोषजनक रही। लोक अदालतों से बिजली कंपनी को करीब 16 करोड़ की राशि प्राप्त हुई। पेपरलेस बिलों की सुविधा के साथ ही डिजिटल पंचनामों का शुभारंभ भी किया गया। बीते वर्ष में सौर ऊर्जा को अपनाने वालों की संख्या 1200 तक बढ़ी, अब यह संख्या 6700 के पार है।
ऊर्जा विभाग के जबलपुर के मंथन कार्यक्रम में एमडी अमित तोमर ने स्मार्ट मीटर व अन्य विषयों पर प्रभावी प्रेजेंटेशन देकर सभी को प्रभावित किया। नवंबर में मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इंदौर के बिजली इंजीनियर आशीष तिवारी व अन्य का भोपाल में सम्मान किया। बिजली कंपनी की महिला खिलाडिय़ों ने जबलपुर समेत अन्य स्थानों की प्रतियोगिताओं में सफलता प्राप्त की। एमडी ने कई बार उपभोक्ता सेवाओं की स्वयं जांच की, अपने कार्यालय से फोन कर उपभोक्ताओं से मिल रही सेवाओं के बारे में पूछा तो कॉल सेंटर पहुंचकर भी जानकारी ली। वर्ष के अंत मे इंदौर में 1.32 लाख और स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य प्रारंभ हुआ।
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