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आरआरटीएस परियोजना को मिली एशियाई विकास बैंक से सात हजार करोड़ की फंडिंग

August 18, 2020

गाजियाबाद । एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी) के कार्यान्वित किए जा रहे दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए लगभग सात हजार करोड़ रुपये के वित्त-पोषण को मंजूरी दी है।

एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह ने बताया कि एडीबी के उच्च-गति, उच्च क्षमता वाले दिल्ली-गाज़ियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के लिए 1.049 बिलियन डॉलर के फंडिंग पैकेज को मंजूरी इस परियोजना में उसके विश्वास को दर्शाता है। यह परियोजना न केवल क्षेत्रीय परिवहन मे अभूतपूर्व परिवर्तन लाएगा बल्कि क्षेत्र में आर्थिक विकास को भी एक नई गति देकर नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाएगा। दिल्ली में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) की लगभग 37 प्रतिशत आबादी रहती है। यह परियोजना दिल्ली मे भीड़-भाड़ कम करने और स्थायी आधार पर वायु प्रदूषण को कम करने में काफी मददगार साबित होगा। आरआरटीएस परियोजना एक तेज, विश्वसनीय, सुरक्षित, आरामदायक, कुशल और सतत परिवहन का माध्यम प्रदान कर पूरे एनसीआर में नागरिकों के यात्रा करने के तरीके मे महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा।

पीआरओ सुधीर कुमार शर्मा ने बताया कि आरआरटीएस परियोजना के लिए एडीबी से वित्त-पोषण को अगस्त 2020 और मई 2025 के बीच कई चरणों में प्राप्त किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एडीबी से प्राप्त ऋण का उपयोग दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर के सिविल निर्माण, ट्रैक, स्टेशन बिल्डिंग, मल्टी-मोडल हब, डिपो, ट्रैक्शन और बिजली आपूर्ति आदि के लिए किया जाएगा। इसके अलावा बुजुर्गों, महिलाओं, बच्चों और दिव्यांगजनों की सुरक्षित यात्रा, महिलाओं के लिए आर्थिक अवसरों में सुधार करने के लिए और आरआरटीएस स्टेशनों के आसपास सार्वजनिक शौचालयों के प्रावधान के लिए एडीबी द्वारा प्रशासित जापान फ़ंड फॉर बिल्डिंग इंस्टीट्यूशनल कैपेसिटी, टेक्नोलोजीकल एडवांसमेंट एंड पोवर्टी रीडक्सन और 2 अन्य अनुदान के माध्यम से लगभग 8 मिलियन डॉलर (लगभग 60 करोड़ रुपये) का वित्त-पोषण प्रदान किया जाएगा।

शर्मा ने कहा कि आरआरटीएस भारत में अपनी तरह की पहली परियोजना है। इस परियोजना मे कई अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल होगा जिनमें ईटीसीएस लेवल -2 सिग्नलिंग सिस्टम और 180 किमी प्रति घंटे की गति के लिए उपयुक्त बलास्टलेस ट्रैक शामिल हैं। परियोजना के रोलिंग स्टॉक का डिजाइन और निर्माण भारत सरकार के मेक-इन-इंडिया पहल के तहत गुजरात के सावली में किया जा रहा है। आरआरटीएस स्टेशन परिवहन के अन्य माध्यमों जैसे मेट्रो स्टेशन, आईएसबीटी, रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डों से निर्बाध रूप से एकीकृत होंगे।

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अबूधाबी और शारजाह के हवाई अड्डों पर अभी भी फंसे हुए हैं 23 भारतीय यात्री

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