उज्जैन। दो साल पहले नगर निगम ने बारिश का पानी सहेजने के लिए घरों से लेकर व्यावसायिक संस्थानों, बड़ी मल्टियों और शासकीय कार्यालयों में रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के लिए निर्देश जारी किए थे। सभी झोनलों की टीम इसके लिए वार्डों में घूमकर लोगों को प्रेरित कर रही थी, जिसके चलते कुछ लोगों ने ही अपने घरों पर ये सिस्टम लगवाए हैं। हालांकि शहर में मौजूद सरकारी सभी कार्यालयों में यह सिस्टम लग चुका है। नगर निगम ने दो साल पहले रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम की जानकारी देने के साथ-साथ बैठकें लेकर नागरिकों को अपने घर की छत पर रैन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए जाने की हिदायत दी थी, इसके बाद मात्र कुछ घरों पर ही यह सिस्टम लग पाया था। इसके बाद नगर निगम ने भी रुचि लेना छोड़ दिया था। निगम का ध्यान केवल उद्यानों में यह सिस्टम लगाने पर रहा।
इसके लिए ठेके भी जारी किए गए थे। वहीं कई बड़े व्यावसायिक संस्थानों पर निगम की ओर से सूचना-पत्र भेजकर रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने को कहा गया था। नगर निगम अधिकारियों ने बताया कि उनके द्वारा नगर के प्रत्येक झोन में रैन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने के लिए लोगों को प्रेरित करने का अभियान दो वर्ष पूर्व चलाया गया था परंतु इसके बाद कई लोगों ने अपनी छतों पर इन्हें लगवाया भी लेकिन किस झोन में कितने सिस्टम लग पाए हैं, इसका व्यवस्थित डाटा फिलहाल उपलब्ध नहीं है। सरकारी कार्यालयों पर शत-प्रतिशत यह सिस्टम लग चुका है। बारिश का पानी व्यर्थ न बहे और उसे जमीन में पहुंचाया जाए इसके लिए निगम द्वारा झोनलों के जरिए राशि निर्धारित कर सूचना बोर्ड भी लगा दिए गए हैं। साथ ही निगम के ऐप-311 पर भी इसके लिए आवेदन किया जा सकता है। इसमें सामान्य घरों में न्यूनतम 4 हजार से लेकर अधिकतम 7-8 हजार रुपए और बहुमंजिला इमारतों में 15 से 20 हजार तक अनुमानित खर्च होता है।
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