भोपाल। जबलपुर सायबर पुलिस ने नोएडा में आरोपी से 28 लाख रुपए की रिश्वत लेकर मप्र पुलिस की देशभर में किरकिरी कराई है। इस मामले में की जांच रिपोर्ट पीएचक्यू को सौंप दी गई है। जिसमें कई अफसरों की मिलीभगत सामने आई है। यदि जांच रिपोर्ट पर निष्पक्षता से कार्रवाई हेा गई तो सायबर पुलिस से जुड़े कई अफसरों पर गाज गिर सकती है। हालांकि इसकी संभावना कम ही है। फिलहाल जंाच रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है। जबलपुर साइबर सेल के उप निरीक्षक परवेज खान और पंकज साहू व आरक्षक आसिफ अली पोंजी स्कीम के तहत ठगी के मामले की जांच के लिए 15 दिसंबर को दिल्ली पहुंचे थे। इन पुलिसकर्मियों ने आरोपित सूर्यभान यादव से 28 लाख रुपये से अधिक ले लिए। सूर्यभान की नोएडा स्थित कंपनी के बैंक खाते भी फ्रीज कराए। बाद में सूर्यभान के साथी एक पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर भाग गए। मामले का राजफाश होने के बाद तीनों आरोपित पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। इसी मामले की जांच स्टेट साइबर सेल ने शुरू की थी।
इनकी भूमिका भी संदिग्ध
सूत्रों का कहना है कि जांच में एक थाना प्रभारी, पुलिस अधीक्षक और महिला उप निरीक्षक की भूमिका संदिग्ध पाई गई है। महिला उप निरीक्षक किसी अन्य मामले की जांच के बहाने नोएडा पहुंची और करीब तीन लाख रुपये लिए। जांच रिपोर्ट सौंपे जाने की पुष्टि तो की गई है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (साइबर सेल) ए. सांई मनोहर ने बताया कि जांच रिपोर्ट पुलिस अधीक्षक गुरुकरण सिंह द्वारा सौंप दी गई है। काफी अधकि दस्तावेज होने से अभी रिपोर्ट का अध्ययन किया जा रहा है।
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