नई दिल्ली। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी (Border-Gavaskar Trophy) को तीसरी बार जीतने का सपना चकनाचूर हो चुका है। मेलबर्न के मैदान पर 10 साल से अजेय रहने का रिकॉर्ड टूट गया। कंगारू तेज गेंदबाजों (kangaroo fast bowlers) के आगे भारतीय बल्लेबाजों ने आसानी से सरेंडर कर दिया। चौथे टेस्ट को ऑस्ट्रेलिया ने 184 रन से अपने नाम कर लिया। सिडनी में अब रोहित की सेना सिर्फ सीरीज को बराबर कर सकती है।
इंडियन बैटर्स का घटिया प्रदर्शन एक बार फिर टीम इंडिया की लुटिया ले डूबा। रोहित शर्मा, विराट कोहली जैसे दिग्गज बैटर्स बुरी तरह से फ्लॉप रहे, तो ऋषभ पंत, जडेजा भी कुछ खास कमाल नहीं दिखा सके। आइए आपको बताते हैं वो पांच गलतियां, जिनके चलते टीम इंडिया को मेलबर्न में मिली शर्मनाक हार।
बल्ले से खराब प्रदर्शन के साथ-साथ रोहित शर्मा की कप्तानी भी चौथे टेस्ट मैच में बेहद साधारण रही। शुभमन गिल को ड्रॉप करने का फैसला भारतीय टीम के एकदम खिलाफ गया। कब, किस गेंदबाज के हाथ में गेंद थमानी है यह फैसला रोहित ठीक से नहीं ले सके, जिसका खामियाजा टीम इंडिया को भुगतना पड़ा। सही समय पर बॉलिंग चेंज नहीं होने के कारण भारतीय टीम पार्टनरशिप को तोड़ने में नाकाम रही। दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया के 10वें और 11वें नंबर के बल्लेबाज ने 61 रन की साझेदारी जमाई।
रोहित शर्मा और विराट कोहली से उम्मीद थी कि मेलबर्न की बैटिंग पिच पर यह दोनों दिग्गज बल्लेबाज खूब रंग जमाएंगे। हालांकि, चौथे टेस्ट में भी इन दोनों बल्लेबाजों का फ्लॉप शो जारी रहा। ओपनिंग पोजीशन भी रोहित को दोनों ही पारियों में रास नहीं आई। दोनों इनिंग को मिलाकर हिटमैन सिर्फ 12 रन ही बना सके। पहली पारी में कोहली अच्छी शुरुआत का फायदा उटाने में नाकाम रहे, तो दूसरी इनिंग में वह सिर्फ 5 रन बनाकर चलते बने। रोहित-कोहली अगर जिम्मेदारी के साथ खेलते तो शायद मेलबर्न टेस्ट का नतीजा कुछ और हो सकता था।
मेलबर्न टेस्ट में कप्तान रोहित का बैटिंग ऑर्डर से छेड़छाड़ करने का फैसला टीम इंडिया के खिलाफ गया। ओपनिंग की पोजीशन पर रोहित खुद तो फ्लॉप रहे ही, इसके साथ ही नंबर तीन का स्थान केएल राहुल को भी रास नहीं आया। पहले तीन टेस्ट में राहुल बतौर ओपनर अच्छे टच में दिखे थे, मगर नई पोजीशन पर केएल औंधे मुंह गिरे। मेलबर्न की बैटिंग पिच पर शुभमन गिल को ड्रॉप करने का निर्णय भी भारतीय टीम के पूरी तरह से खिलाफ गया।
बॉक्सिंग-डे टेस्ट की दोनों ही पारियों में ऋषभ पंत टीम इंडिया को बैकफुट पर ढकलने के सबसे बड़े गुनहगार रहे। पहली पारी में 28 रन बनाकर अच्छी बल्लेबाजी कर रहे पंत बेहद खराब शॉट खेलकर आउट हुए। पंत ने उस वक्त अपना विकेट फेंककर चलते बने, जब टीम इंडिया मैच में वापसी करती हुई दिखाई दे रही थी। दूसरी इनिंग में भी यशस्वी जायसवाल के साथ अच्छी पार्टनरशिप जमाने के बाद पंत ने एक बार फिर बड़ा शॉट लगाने का प्रयास किया और गेंद को सीधा फील्डर के हाथों में दे बैठे। पंत अगर दोनों ही इनिंग में थोड़ी सूझबूझ दिखाते, तो मेलबर्न में टीम इंडिया की लाज बच सकती थी।
वॉशिंगटन सुंदर और रविंद्र जडेजा के रूप में मेलबर्न में टीम इंडिया दो स्पिनर्स के साथ मैदान पर उतरी। हालांकि, टीम मैनेजमेंट का यह फैसला भारतीय टीम के खिलाफ गया। जडेजा ने पहली इनिंग में तीन विकेट निकाले, तो दूसरी इनिंग में उनकी झोली में सिर्फ एक विकेट आया। सुंदर दोनों पारियों को मिलाकर सिर्फ एक ही विकेट निकाल सके।
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