• img-fluid

    उल्कापिंड नहीं इस देश के रॉकेट के थे टुकड़े, जानिए क्या है अमेरिकी साइंटिस्ट का बड़ा दावा

  • April 03, 2022

    नई दिल्ली। भारत(India) के कई हिस्सों में शनिवार की रात आकाश में अजब नजारा दिखा. महाराष्ट्र (Maharashtra) और मध्य प्रदेश (Madhya pradesh) के कई इलाकों में लोगों को अंधेरे आसमान को चीरती हुई कई चमकीली रेखाएं नजर आईं. लोग हक्के-बक्के रह गए. अटकलें लगने लगीं कि क्या ये उल्कापिंडों की बारिश (Meteor shower) है या गिरता सैटेलाइट या फिर कुछ और लोगों ने इस खगोलीय नजारे को अपने कैमरे में कैद कर लिया और सोशल मीडिया पर डाल दिया. देखते ही देखते सोशल मीडिया पर ये वायरल हो गए. बाद में, कुछ खगोल विज्ञानियों ने कहा कि ये उल्कापिंड नहीं, सैटेलाइट के अंश हो सकते हैं, जो धरती के वातावरण में प्रवेश करते समय जल रहे थे. एक अमेरिकी साइंटिस्ट ने दावा किया कि ये चीनी रॉकेट (chinese rocket) के अंश थे.



    आकाश में ये अद्भुत नजारा महाराष्ट्र के नागपुर, चंद्रपुर, अकोला, जलगांव आदि जिलों में देखा गया. वहीं मध्य प्रदेश के इंदौर, खरगौन, झाबुआ और बड़वानी, धार समेत कई जिलों में भी लोगों ने इस दृश्य को देखने का दावा किया. अमेरिका के एक साइंटिस्ट जोनाथन मैकडॉवल (Jonathan McDowell) ने ट्वीट करके बताया कि मेरे ख्याल से ये चीन का रॉकेट चेंग झेंग 3बी था, जो धरती के वातावरण में फिर से एंट्री कर रहा था. यह रॉकेट पिछले साल फरवरी में छोड़ा गया था. वापस धरती की तरफ गिरते हुए इसके हिस्से वातावरण के संपर्क में आने की वजह से जल रहे थे. मैसाचुसेट्स के कैंब्रिज में हार्वर्ड स्मिथसन सेंटर फॉर एस्ट्रोफिजिक्स के वैज्ञानिक मैकडॉवल ने कहा कि चीन का रॉकेट चेंग झेंग 3बी सीरियल नंबर वाई77 को इसी रास्ते से गिरना था. मेरे ख्याल आकाश में दिखी चमकीली रेखाएं उसी के जलने से पैदा हुई थीं.
    नागपुर में स्काईवॉच ग्रुप के अध्यक्ष सुरेश छोपड़े ने कुछ इसी तरह का अनुमान लगाया. उन्होंने कहा कि इन चमकीली रेखाओं के उल्कापिंडों की बारिश से संबंधित होने की संभावना काफी कम है. इनमें से रंगीन रोशनियां निकल रही थीं, जो उल्कापिंडों की नहीं हो सकतीं. ये रंग तभी दिखते हैं, जब उस चीज में कोई धातु की वस्तु हो. मुझे लगता है कि या तो किसी देश का कोई सैटलाइट गलती से गिर गया होगा या फिर उसे काम पूरा होने के बाद जानबूझकर क्रैश कराया गया होगा.
    जलगांव के जिलाधिकारी अभिजीत राउत का कहना है कि औरंगाबाद स्थित एपीजे अब्दुल कलाम एस्ट्रोस्पेस एंड साइंस सेंटर के वैज्ञानिकों के मुताबिक, ये गिरने वाली वस्तुएं रॉकेट बूस्टर हो सकती हैं, जिनसे सैटलाइट को पृथ्वी की कक्षा में भेजा जाता है. इस तरह की घटनाएं होती रहती हैं.
    सेंटर के निदेशक श्रीनिवास औंधकर ने बताया कि शनिवार को दुनिया भर से सिर्फ एक सैटलाइट लॉन्च किया जाना था. अमेरिकी कंपनी ब्लैकस्काई ने शाम 6.11 बजे एक सैटलाइट को अंतरिक्ष में भेजा था. हो सकता है कि ये गिरने वाली वस्तुएं उसके रॉकेट बूस्टर हों, जिन्हें सैटलाइट को आसमान तक पहुंचाने के लिए लगाया जाता है.

    Share:

    March में टूटा 121 साल का रिकॉर्ड, IMD की चेतावनी-April में और सताएगी गर्मी

    Sun Apr 3 , 2022
    नई दिल्ली। इस बार मार्च (March) के महीने में ही जून जैसी गर्मी (Heat like june) पड़ रही है. दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) के अलावा पूरे उत्तर और मध्य भारत में गर्मी के कहर (heat wave) से लोग परेशान होने लगे हैं। देश भर में होली के पहले से ही इस बार तापमान बढ़ने के साथ गर्मी […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved