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रोबोट ने बनाया दुनिया का पहला 3D प्रिंटेड स्टील ब्रिज

July 20, 2021

एम्स्टर्डम। दुनिया का पहला थ्रीडी प्रिंटेड स्‍टील ब्रिज(3D printed steel Bridge) नीदरलैंड्स की राजधानी एम्स्टर्डम (Amsterdam, the capital of the Netherlands)में लगाया गया है. इसे बनाने में 4500 किलोग्राम स्टेनलेस स्टील का उपयोग(4500kg stainless steel use) किया गया है. लेकिन इसमें किसी इंसान ने मेहनत नहीं की है. इस थ्रीडी-प्रिंटेड स्टील ब्रिज (3D printed steel Bridge) को बनाया है एक रोबोट(Robot) ने. उसी ने इसकी डिजाइन बनाई, जोड़ा, काटा और फिर परत-दर-परत इसे लगाकर पूरा किया.
इस 12 मीटर लंबे ब्रिज का नाम है MX3D ब्रिज. इसकी डिजाइनिंग से लेकर प्रिंटिंग तक में करीब 6 महीने का समय लगा है. इसे बनाने में चार व्यावसायिक रोबोट्स की मदद ली गई थी. इसे नहर में नाव के जरिए लाया गया. उसके बाद क्रेन से उठाकर नहर के दोनों तरफ रखा गया. इसके बाद राजमिस्त्री ने इसे जोड़कर फिट कर दिया.
MX3D ब्रिज मध्य एम्स्टर्डम के ऑडेजिड्स अश्चेरबर्गवाल नहर के ऊपर पिछले हफ्ते ही लगाया गया था. लेकिन 18 जुलाई को इसे पैदल यात्रियों और साइकिलिंग करने वालों के लिए खोल दिया गया. जब यह ब्रिज बनकर पूरा हुआ तो इसमें दर्जनों सेंसर्स लगाए गए थे. ताकि इसके सेहत की जांच की जा सके.



अब आप सोच रहे होंगे की ब्रिज की सेहत कैसी होती है. यानी यह ब्रिज कितना दाग बर्दाश्त कर सकता है. कितना मूवमेंट झेल सकता है. कितना कंपन संभाल सकता है या फिर कितना तापमान. साथ ही अगर ज्यादा लोग निकलते हैं तो क्या ये मजबूती से टिका रह पाएगा. क्या मौसम बदलने पर इस पर कोई असर होगा. ये सब जांचने के बाद ही इसे नहर के ऊपर लगाया गया है. अगले ब्रिज के लिए ये सारे डेटा कंप्यूटर में फीड कर दिए गए हैं.
इंजीनियर्स MX3D ब्रिज के जरिए भविष्य के अन्य थ्रीडी प्रिंटेड ब्रिजों के लिए अध्ययन करेंगे. नए धातुओं से ब्रिज का निर्माण करेंगे. लगातार सेंसर्स के जरिए इसमें होने वाले बदलावों की जांच करते रहेंगे, ताकि भविष्य में थ्रीडी प्रिंटेड ब्रिजों में जरूरी बदलाव करके उन्हें सही जगह पर लगाया जा सके. भविष्य में थ्रीडी-प्रिंटेड स्टील ब्रिजों का उपयोग बड़े आकार के लिए भी किया जा सकता है.
कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के मार्क गिरोलामी ने लंदन स्थित एलन ट्यूरिंग इंस्टीट्यूट में इस ब्रिज का डिजिटल मॉडल बनाया था. मार्क ने कहा कि अक्सर इंजीनियर्स ब्रिज बनाते समय उसके नष्ट होने की आशंकाओं पर ज्यादा ध्यान नहीं या कम देते हैं. हमने इसी बात पर जोर दिया कि कोई ब्रिज कितने समय में कितना नष्ट हो सकता है. या टूट सकता है. या उसमें कोई खराबी आ सकती है. इसलिए हमने फिलहाल इसमें सेंसर्स लगाए हैं, ताकि ब्रिज की सही दशा और दिशा समझ सकें.
मार्क गिरोलामी कहते हैं कि थ्रीडी-प्रिंटेड स्टील की ताकत बहुत ज्यादा है. यह निर्भर करता है कि उसकी प्रिंटिंग कैसे करते हैं. यह किसी भी सामान्य उत्पादन वाले स्टील से ज्यादा मजबूत है. इस ब्रिज पर कहां ज्यादा मजबूती की जरूरत है, उसे कंप्यूटर में सिमुलेट करके बनाया गया है.

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