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लैंड डील मामले में रॉबर्ट वाड्रा से 6 घंटे तक चली पूछताछ, ईडी ने आज भी किया तलब

  • April 16, 2025

    नई दिल्ली। मंगलवार (15 अप्रैल) का दिन गांधी परिवार (Gandhi family) के लिए मुश्किलों भरा रहा। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा (Congress MP Priyanka Gandhi Vadra) के पति और व्यवसायी रॉबर्ट वाड्रा (Robert Vadra) से प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate.-ED) के अधिकारियों ने करीब छह घंटे की मैराथन पूछताछ की और उनके बयान दर्ज किए। इस दौरान अधिकारियों ने वाड्रा पर सवालों की बौछार कर दी। ईडी अधिकारियों ने वाड्रा को बुधवार को फिर से आने को कहा है ताकि पूछताछ को आगे बढ़ाया जा सके। ईडी उनसे हरियाणा के शिकोहपुर में एक जमीन सौदे से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ कर रही है। उन्हें बुधवार सुबह 11 बजे फिर से जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है।


    इससे पहले 8 अप्रैल को एजेंसी ने वाड्रा को तलब किया था, लेकिन तब वह पेश नहीं हुए थे। इसके बाद ईडी ने मंगलवार को पेश होने के लिए दूसरा समन जारी किया था। ईडी दफ्तर से निकले के बाद वाड्रा ने ईडी की पूछताछ को ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से प्रेरित’’ बताते हुए कहा कि पहले भी ईडी उनसे (धन शोधन के अन्य मामलों में) घंटों पूछताछ कर चुकी है, हजारों पन्ने साझा किए हैं, लेकिन फिर भी एजेंसी उनके खिलाफ मामले उठा रही है।

    इससे पहले 56 वर्षीय वाड्रा मध्य दिल्ली के सुजान सिंह पार्क स्थित अपने आवास से एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित ईडी मुख्यालय तक करीब दो किलोमीटर पैदल चलकर पहुंचे। वह अपने वकील के साथ सुबह 11 बजे ईडी कार्यालय में दाखिल हुए, जबकि उनकी सुरक्षा टीम बाहर ही रही। ईडी कार्यालय जाने के दौरान रास्ते में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘यह कुछ और नहीं बल्कि राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से प्रेरित है। जब भी मैं अल्पसंख्यकों के लिए बोलता हूं तो वे मुझे रोकने की कोशिश करते हैं, हमें कुचलने की कोशिश करते हैं… उन्होंने संसद में राहुल (गांधी) को भी रोकने की की। यह एजेंसियों का दुरुपयोग है और यह राजनीतिक प्रतिशोध है।’’

    दो चरणों में हुई पूछताछ, लंच ब्रेक भी मिला
    उन्होंने कहा कि वह पहले की तरह ही जांच एजेंसी के साथ सहयोग करेंगे। सूत्रों ने बताया कि ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनसे दो चरणों में पूछताछ की गई। पहले चरण में दो घंटे तक उनका बयान दर्ज किया गया। इसके बाद वह दोपहर करीब डेढ़ बजे ईडी कार्यालय से भोजन अवकाश के लिए बाहर निकले। लंच ब्रेक में बाहर आने के बाद वाड्रा ने पत्रकारों से कहा कि वह जांच में सहयोग करने के लिए तैयार हैं, लेकिन मामले को बंद करने की जरूरत है। उन्होंने पूछा, ‘‘आप 2007 में हुई किसी घटना के बारे में कैसे बात कर सकते हैं?’’ लंच के बाद उनसे फिर चार घंटे की पूछताछ की गई।

    2008 के जमीन सौदे का है मामला
    बता दें कि वाड्रा की पत्नी प्रियंका गांधी वाड्रा केरल के वायनाड से कांग्रेस की सांसद हैं। वाड्रा के खिलाफ यह जांच हरियाणा के मानेसर-शिकोहपुर (अब गुरुग्राम में सेक्टर 83) में एक भूमि सौदे से जुड़ी है।जांच फरवरी 2008 में हुए एक भूमि सौदे से संबंधित है, जिसमें वाड्रा से जुड़ी एक कंपनी, ‘स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड’ ने गुरुग्राम के शिकोहपुर में ‘ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज’ नामक कंपनी से 7.5 करोड़ रुपये की कीमत पर 3.5 एकड़ जमीन खरीदी थी। उस समय हरियाणा में मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार सत्ता में थी।

    चार साल बाद सितंबर 2012 में कंपनी ने इस 3.53 एकड़ जमीन को रियल्टी कंपनी ‘डीएलएफ’ को 58 करोड़ रुपये में बेच दिया। यह भूमि सौदा अक्टूबर 2012 में उस समय विवादों में आ गया था, जब भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) अधिकारी अशोक खेमका ने इस सौदे को राज्य चकबंदी अधिनियम और कुछ संबंधित प्रक्रियाओं का उल्लंघन बताते हुए दाखिल खारिज को रद्द कर दिया था। खेमका उस समय हरियाणा के भूमि चकबंदी एवं भूमि अभिलेख महानिदेशक-सह-पंजीयन महानिरीक्षक के पद पर तैनात थे।

    हरियाणा में तब थी कांग्रेस सरकार
    हरियाणा में उस वक्त विपक्ष में रही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तब इस मामले को भूमि सौदों में ‘भ्रष्टाचार’ और ‘भाई-भतीजावाद’ का उदाहरण बताया था, जो वाड्रा की कांग्रेस पार्टी के ‘प्रथम परिवार’ (गांधी परिवार) के साथ संबंधों की ओर इशारा करता है। हरियाणा पुलिस ने 2018 में इस सौदे की जांच के लिए एक प्राथमिकी दर्ज की थी। संघीय जांच एजेंसी ने धन शोधन के दो अलग अलग मामलों में वाड्रा से कई बार पूछताछ की है।

    ईडी ने दिसंबर 2023 में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) स्थित एनआरआई (अनिवासी भारतीय) व्यवसायी और कथित तौर पर वाड्रा से जुड़े सी. सी. थम्पी एवं ब्रिटेन स्थित हथियार सलाहकार संजय भंडारी के रिश्तेदार सुमित चड्ढा के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। आरोप पत्र में कहा गया है कि एजेंसी 2005-06 के दौरान एक रियल एस्टेट एजेंट के माध्यम से वाड्रा की हरियाणा में तीन भूखंडों की खरीद के साथ-साथ उनकी पत्नी प्रियंका गांधी द्वारा किए गए एक भूमि सौदे की जांच कर रही है। आरोप पत्र में न तो वाड्रा और न ही प्रियंका गांधी वाड्रा को आरोपी बनाया गया है।

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