इंदौर। शहर में पुलिस कमिश्नरी ( police commissionerate) को दो साल हो गए हैं, लेकिन अपराधों पर नियंत्रण देखने को नहीं मिला है। लूट के मामले में तो 500 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि 80 प्रतिशत मामलों में पुलिस आरोपियों को पकडऩे में भी सफल रही है।
यह कहना है पुलिस कमिश्नर मकरंद देऊस्कर (police commissioner makrand deuskar) का। उन्होंने कहा कि शहर में लूट की घटनाएं 500 प्रतिशत बढ़ी हैं। इसके पीछे प्रमुख कारण पुलिस ने चेन, बैग और मोबाइल के मामले में लूट का केस दर्ज करना शुरू किया है। पिछले साल दस माह में लूट के लगभग 50 केस दर्ज हुए थे, लेकिन इस साल 260 से अधिक केस दर्ज हुए हैं। इनमें सबसे अधिक मोबाइल लूट के केस हैं। देऊस्कर का कहना है कि अपराध को जड़ से खत्म करने के लिए गंभीर धाराओं में केस दर्ज होना जरूरी है। इसके चलते उन्होंने अपने कार्यकाल में मोबाइल, बैग और चेन के मामलों में लूट का केस दर्ज करवाने के निर्देश दिए हैं। पहले ऐसे मामलों में पुलिस चोरी का केस दर्ज करती थी। उनका कहना है कि चोरी के केस में आरोपी नोटिस पर छूट जाते थे, लेकिन अब लूट का केस दर्ज होने से आरोपी कम से कम दो माह तक जेल में रह रहे हैं। वहीं पुलिस लूट के मामले को गंभीरता से ले रही है। इसके चलते 80 प्रतिशत मामलों में आरोपी पकड़े गए हैं। उनका कहना है कि कुछ और प्रतिशत लूट के केस बढ़ सकते हैं। लेकिन मई-जून में जो आंकड़ा बढ़ रहा था, आरोपियों के पकड़े जाने पर दिसंबर में इसमें काफी कमी आई है, क्योंकि शहर में घूम रहे ज्यादातर लुटेरे जेल जा चुके हैं।
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