उज्जैन। देवासगेट स्थित रोडवेज की प्रशिक्षण शाला की जमीन बिक्री के लिए शासन ने नीलामी की सूचना निकाली थी लेकिन बाद में नगर निगम ने दावा किया है कि यह संपत्ति नगर निगम की है। इसे लेकर कलेक्टर कार्यालय को नगर निगम द्वारा पत्र लिखा जा रहा है। माना जा रहा है कि यह जमीन ऊँचे दामों पर बिकेगी। उल्लेखनीय है कि देवास गेट बस स्टैंड नगर निगम की संपत्ति है और यहां पर पास में ही चालक प्रशिक्षण शाला पहले संचालित होती थी। बाद में जब रोडवेज बंद हुई तो यह जमीन ऐसे ही पड़ी है। रोडवेज के कई कर्मचारियों के भुगतान बाकी है ऐसे में कलेक्टर से रोडवेज के कर्मचारियों ने मांग की थी कि हमारी चालक प्रशिक्षण शाला की जमीन बेचकर आप हमारा भुगतान कीजिए। इस पर कलेक्टर कार्यालय से नीलामी की सूचना निकल गई तब जाकर नगर निगम को होश आया और नगर निगम ने अपने कागज खंगाले तो माल विभाग एवं अन्य कर में एक फाइल निकली जिसमें उक्त जमीन नगर निगम ने रोडवेज को किराए से दी थी जिसमें बस स्टैंड की जमीन भी शामिल थी। बाद में जब रोडवेज बंद हुई तो नगर निगम ने बस स्टैंड पर तो अपना कब्जा ले लिया लेकिन खसरा में चालक प्रशिक्षण कार्यशाला की जमीन है ही दर्ज रही।
ऐसे में जमीन को शासन ने रोडवेज मतलब अपना मानकर नीलामी की सूचना निकाल दी। जब निगमायुक्त को इसकी सूचना मिली तो उन्होंने माल विभाग एवं अन्य कर को इस जमीन की फाइल निकालने को कहा। जब फाइल निकल कर सामने आई तो उसमें स्पष्ट जिक्र था कि नगर निगम की देवास गेट बस स्टैंड की संपत्ति में से चालक प्रशिक्षण शाला के लिए 1000 स्क्वायर मीटर जमीन किराए पर रोडवेज को दी जाती है। अब इन सब पत्रों को लेकर नगर निगम इस जमीन पर अपना हक बताने के लिए कलेक्टर को पत्र लिख रही है। तहसील कार्यालय से इस जमीन की नीलामी की जो सूचना निकाली गई उसमें इस जमीन को 6000 स्क्वायर मीटर बताया गया और इसकी कीमत 34 करोड़ रुपये बताई गई है जबकि मौके पर नगर निगम के इंजीनियरों ने अभी नपती की तो जमीन 1000 स्क्वायर मीटर के करीब निकली है। जिसकी कीमत वर्तमान गाईड लाइन के हिसाब से 6 से 7 करोड़ रुपए होती है। फाइल के आधार पर पत्र तैयार कर कलेक्टर के पास भेजा जा रहा है। अब वहां से फैसला होगा कि जमीन किसकी है इसके बाद ही नगर निगम इस जमीन पर कोई योजना बना सकता है।
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