उज्जैन। बारिश के चलते शहर की कई सड़कों की हालत इतनी खस्ता हो चुकी है कि वाहन चालकों को वहां से गुजरने में मशक्कत करना पड़ रही है। कई क्षेत्रों में सड़कें खस्ताहाल होने के साथ-साथ वहां बड़े-बड़े गड््ढों के कारण दुर्घटनाएं हो रही हैं। छोटी सड़कों के साथ-साथ मुख्य मार्ग की सड़कों के भी यही हाल हैं। हरिफाटक पुल से लेकर त्रिवेणी तक की सड़क पर गड्ढों के कारण लोग परेशान हो रहे हैं और बारिश में यह मुसीबत और ज्यादा इसलिए बढ़ जाती है कि गड्ढों में पानी भरा होने के कारण तेजी से आ रहे वाहन चालक दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं। इसी प्रकार इंदौरगेट से लेकर नई सड़क और अंकपात तक की सड़केंू खस्ताहाल हो गई हंै। वहां जगह-जगह बड़े-बड़े गड््ढों के कारण लोग परेशान हो रहे हैं। इंदौर रोड फोरलेन पर मरम्मत नहीं होने के कारण सर्विस रोड की बदहाल पड़ी है। इस बार हुई बारिश के कारण कई इलाकों की सड़के छलनी हो गई है और पिछली बार निगम ने वहां सड़क मरम्मत के नाम पर गिट्टी-मुरम बिछाकर थेगले लगा दिए थे, जो बारिश में बह गए और यहां बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं।
अब मरम्मत के नाम पर फिर होगा फर्जीवाडा
सड़कों के लिए जगह-जगह नर्मदा की सप्लाय लाइनों और सीवरेज लाइनों के लिए खुदाई कार्य पिछले दिनों किए गए थे और संबंधित कंपनियों ने सड़क मरम्मत का कार्य भी नहीं किया, जिसके चलते आज यह स्थिति बनी है। कई जगह सड़कें खस्ताहाल हुई तो कंपनियों ने वहां ऊपरी तौर पर जैसे-तैसे सड़कों पर पेबंद लगाकर हाथ ऊंचे कर दिए। अब बारिश के दौरान ऐसी सड़कें पूरी तरह छलनी हो गई और खामियाजा वाहन चालकों को भुगतना पड़ रहा है। निगम द्वारा कई स्थानों पर लाइनों के सुधार से लेकर सीवरेज लाइनों के कार्य हेतु टेंडर में यह शर्तें थी कि संबंधित कंपनियां सड़कों का सुधार कार्य पूरा करेगी, लेकिन अब तक सड़कें बदतर है। अब सड़कों की मरम्मत के नाम पर फिर से झोन स्तर पर फर्जीवड़ा होगा और कई जगह गिट्टी-मूरम बिछाकर बड़े-बड़े बिल प्रस्तुत कर दिए जाएंगे। हर वर्ष इसी प्रकार का कारनामा निगम में होता है।
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