इंदौर-राघौगढ़ नेशनल हाईवे का काम हो रहा है प्रभावित, प्रमुख सचिव से मिले एनएचएआई के आरओ
इंदौर। शहर से जुडऩे वाले एक हाईवे (High Way) निर्माण के लिए जरूरी फ्लायऐश की आपूर्ति शुरू होने के आसार बन रहे हैं। इस मामले में प्रदेश सरकार ऊर्जा विभाग आखिरकार सकारात्मक रुख अपना रहा है। मामला इंदौर-राघौगढ़ ग्रीनफील्ड हाईवे का है, जिसके अर्थवर्क आदि के लिए सिंघाजी पावर प्लांट से राख (फ्लायऐश) की जरूरत है, लेकिन प्लांट से आपूर्ति शुरू नहीं हो पा रही थी। पिछले दिनों नेशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (National Highways Authority of India) के अधिकारियों ने ऊर्जा विभाग से संपर्क कर आग्रह किया है कि वह हाईवे निर्माण में मदद करे और नियमों के अनुसार फ्लायऐश उपलब्ध कराए।
अग्निबाण (Agniban) ने 12 अप्रैल को यह मामला प्रमुखता से छापा था कि फ्लायऐश नहीं मिलने से हाईवे निर्माण का काम प्रभावित हो रहा है। एनएचएआई को हाईवे के लिए पांच से सात लाख टन फ्लायऐश की जरूरत है। एनएचएआई (NHAI) के ठेकेदार को नियमानुसार सडक़ निर्माण के लिए फ्लायऐश का उपयोग करना है और पावर प्लांट को नियमानुसार एनएचएआई को निर्माणस्थल पर मुफ्त राख उपलब्ध कराना है। ऊर्जा विभाग मुफ्त राख देने को तैयार है, लेकिन बात राख के परिवहन की लागत वहन करना थी। नियमानुसार 300 किलोमीटर की जद में राख की कार्यस्थल पर मुफ्त आपूर्ति करना प्लांट की जवाबदारी है। इंदौर-राघौगढ़ हाईवे प्लांट से करीब 150 किमी दूरी पर ही है। इधर, ऊर्जा विभाग चाह रहा था कि एनएचएआई ही परिवहन का खर्च भी उठाए। इसी मुद्दे पर दोनों विभागों के बीच सहमति नहीं बन रही थी।
पिछले दिनों एनएचएआई मप्र के रीजनल ऑफिसर (आरओ) एसके सिंह ने इस संबंध में ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे से मुलाकात की है। प्रमुख सचिव ने उन्हें आश्वस्त किया है कि वे हाईवे निर्माण के लिए मुफ्त फ्लायऐश उपलब्ध कराने के लिए कोई न कोई रास्ता निकालेंगे। अग्निबाण से चर्चा में एनएचएआई के आरओ सिंह ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि प्रमुख सचिव से फ्लायऐश के संबंध में बैठक हुई है। उन्होंने इस बारे में कोई रास्ता निकालने का भरोसा दिया है। उम्मीद है कि जल्द ही इस संबंध में अंतिम फैसला ले लिया जाएगा।
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