इंदौर। सडक़ सुरक्षा जागरूकता सप्ताह मनाने का मकसद ही ये होता है कि इससे आमजन को सीधे जोड़ा जा सके। स्कूलों में बच्चों को यातायात से जुड़े नियमों की दी गई जानकारी सीधे घर उनके परिजनों तक पहुंचती है। केवल इंदौर ही नहीं सडक़ सुरक्षा आने वाले समय में देश के किसी भी शहर के लिए सबसे बड़ी चुनौती ही है। भारत सडक़ हादसों में पूरी दुनिया में सबसे आगे है। ऐसे में हमारी जिम्मेदारी है कि हम हर तबके तक सडक़ सुरक्षा के लिए पहुंचे।
इंदौर पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्र (Indore Police Commissioner Harinarayanchari Mishra) ने ये बात और जानकारी कल सडक़ सुरक्षा जागरूकता सप्ताह के समापन पर कही। इस सप्ताह को पूरे प्रदेश में 22 अगस्त से चलाया जा रहा था। इंदौर में कल समापन पर जागरूकता सप्ताह में शामिल हुए स्कूली छात्रों से लेकर यातायातकर्मियों, यातायात प्रबंधन मित्रों तक का सम्मान किया गया। कार्यक्रम के लिए भोपाल से विशेष तौर पर अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक पीटीआरआई भोपाल जी जनार्दन भी इंदौर आए, जिन्होंने सडक़ दुर्घटनाओं में हुई मौतों के आंकड़ों पर बात की। इस पूरे सप्ताह इंदौर यातायात पुलिस ने स्कूलों के साथ ही सोशल मीडिया और सडक़ पर इस कार्यक्रम को चलाया। स्कूलों में निबंध प्रतियोगिता, चित्रकला प्रतियोगिता, वाद विवाद प्रतियोगिता, क्विज कॉम्पिटिशन के साथ ही वाहन रैली जैसे कार्यक्रम हुए, जिसमें विजेता रहने वालों और सहयोग देने वालों को अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक जी जनार्दन ने सम्मानित किया। कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त राजेश हिंगणकर, ट्रैफिक डीसीपी महेशचंद जैन और यातायात के तमाम अधिकारी भी मौजूद रहे। कार्यक्रम के बाद दोपहर में मेट्रो रूट पर यातायात के अधिकारियों ने जागरूकता के लिए बाइक रैली निकाली। महानगर इंदौर रेल विकास निगम लिमिटेड और यूआरसी के साथ इस बाइक रैली से लोगों को इस रूट पर वाहन चलाने में सावधानी बरतने का संदेश दिया गया। अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त अनिल पाटीदार, यूआरसी कंस्ट्रक्शन सीईओ कबीलन के मार्गदर्शन के बाद निकली रैली लवकुश चौराहे निकलकर चंद्रगुप्त, सयाजी के रास्ते विजयनगर होते हुए फिर से लवकुश चौराहे लौटी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved