उज्जैन। आगर नाके से लेकर आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज तक आगर रोड की सड़क जानलेवा गड्ढों में ढूंढना पड़ रहा है। मामूली बारिश में ही यह करीब 5 किलोमीटर लंबी सड़क बड़े-बड़े गड्ढों में बदल गई है। इसका अगर जल्द सुधार नहीं हुआ तो इस मार्ग पर सड़क दुर्घटनाएँ और बढ़ जाएगी।
उल्लेखनीय है 4 साल पहले मध्यप्रदेश सड़क परिवहन निगम इंदौर, देवास, उज्जैन, नागदा, उन्हेल और आगर रोड को ब्लैक स्पॉट अर्थात सबसे ज्यादा सड़क दुर्घटना संभावित मार्ग घोषित कर चुका है। आम दिनों में भी इन सभी मार्गों पर रोज सड़क हादसे होते हैं। इस साल एक जनवरी से लेकर 1 अगस्त तक 7 महीने की अवधि में 196 सड़क दुर्घटनाएँ इन मार्गों पर गड्ढे और अंधे मोढ़ों के कारण हो चुकी है। दो दिन पहले भी बडऩगर मार्ग पर इंगोरिया के समीप भीषण सड़क हादसा हुआ था और अंधे मोढ़ के कारण इको कार खड़े ट्राले में जा घुसी थी। आगर रोड पर भी 50 से ज्यादा ब्लैक स्पॉट हैं। इधर शहर के आगर रोड के नाका नंबर 5 से लेकर आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज तक की करीब 5 किलोमीटर लंबी मुख्य सड़क मामूली बरसात में ही बड़े-बड़े गड्ढों के कारण छलनी हो गई है। दो पहिया से लेकर 4 पहिया वाहन यहाँ चलाना मुश्किल हो गया है। अभी तो कम बारिश में गड्ढे साफ नजर आ रहे हैं लेकिन तेज बारिश में इनमें अगर पानी भर गया तो जानलेवा हादसे को कोई नहीं टाल सकता। हर साल बरसात में आगर रोड के यही हाल होते हैं लेकिन संबंधित विभाग और सड़क निर्माण एजेंसियाँ इस ओर ध्यान नहीं देती। हादसों के बाद सिर्फ एमपीआरडीसी और पुलिस के अधिकारी मौके पर जाँच के लिए जाते हैं मार्ग को खतरनाक बता देते हैं।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved