लखनऊ । राष्ट्रीय लोक दल (RLD) अब रणनीति में बदलाव के साथ (With a Change in Strategy) उत्तर प्रदेश में (In UP) बड़े पैमाने पर (On Large Scale) दलितों तक पहुंच बनाने में जुटा (Engaged in Reaching Out to Dalits) । रालोद प्रमुख जयंत चौधरी ने उत्तर प्रदेश में अपनी पार्टी के विधायकों से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि विधायक निधि (विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास कोष) के तहत कुल खर्च का 35 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जातियों के कल्याण के लिए खर्च किया जाना चाहिए।
यूपी विधानसभा में रालोद के 8 विधायक हैं, और राज्य में प्रत्येक विधायक या एमएलसी को अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्यो पर खर्च करने के लिए हर साल 5 करोड़ रुपये मिलते हैं। रालोद के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल दुबे ने कहा कि जयंत ने अपने विधायकों और विधायक दल के नेता राजपाल बालियान को पत्र लिखकर अपनी ‘विधायक निधि’ का 35 प्रतिशत से अधिक अनुसूचित जाति के कल्याण से जुड़े कार्यो पर खर्च करने की जरूरत पर बल दिया था।
दुबे ने कहा, “रालोद प्रमुख ने बालियान से विधायकों को अनुसूचित जातियों और पिछड़ी जातियों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर पैनी नजर रखने और समय-समय पर विधानसभा में उनके मुद्दों को उठाने का निर्देश देने के लिए भी कहा है।” यह पहली बार है, जब रालोद अपने मूल जाट वोट आधार से परे एक वोट बैंक को लक्षित कर रहा है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved