पटना। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा कि लगातार दो संसदीय चुनाव में जो हस्र कांग्रेस का हुआ, लगभग वही हाल बिहार में राजद का हुआ। दोनों दल वंशवादी हैं और दोनों ने सत्ता को सम्पत्ति बनाने का जरिया बनाया। उन्होंन कहा कि दोनों का शीर्ष नेतृत्व एक परिवार के पास है और उनमें आंतरिक लोकतंत्र दम तोड़ रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव में दोनों दलों को सामान्य वर्ग के लोगों को 10 फीसद रिजर्वेशन देने के मोदी सरकार के बड़े फैसले का विरोध करने की कीमत भारी चुकानी पड़ी। राजद और कांग्रेस ने न्यायालय के निर्णय से राम मंदिर बनने की बात कही थी, लेकिन जब अयोध्या में प्रधानमंत्री ने भूमिपूजन किया, तब लालू प्रसाद ने चुप्पी साध ली। बिहार के करोड़ों मतदाता इस चुनिंदा चुप्पी का भी हिसाब मांगेंगे।
डिप्टी सीएम मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर अनुच्छेद 370 थोपने, सैन्य पराक्रम का अपमान और राम मंदिर का विरोध करने जैसे राजनीतिक पाप के बोझ से डूबती कांग्रेस को उबारने के लिए शशि थरूर सहित दो दर्जन नेताओं ने गैर-गांधी पूर्णकालिक अध्यक्ष नियुक्त करने की मांग की है। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के बयान इसी लाइन पर हैं, लेकिन कांग्रेस की तरह क्या राजद नेताओं को भी अपने सजायाफ्ता राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद का विकल्प नहीं खोजना चाहिए। राजद कब तक जेल से संचालित होने वाला दल बना रहेगा। (एजेंसी, हि.स.)
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