ब्रिटेन में मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल के बाद पाकिस्तानी मूल के वित्त मंत्री साजिद जाविद की जगह लेने वाले भारतीय मूल के ऋषि सुनक अब विवादों में फंसते दिख रहे हैं. और विवाद का केंद्र बना है सुनक के ससुराल पक्ष की संपत्ति… एक अंग्रेजी अखबार ने अपनी खबर में दावा किया है कि सुनक की पत्नी की संपत्ति महारानी एलिजाबेथ से भी ज्यादा है. और मंत्री बनते वक्त इसकी जानकारी सुनक ने सरकारी रजिस्टर में दर्ज नहीं कराई है. द गार्जियन ने अपनी खोजी रिपोर्ट में दावा किया है कि सुनक की पत्नी अक्षता मूर्ति करोड़ों पाउंड के शेयरों की मालकिन हैं. इसके अलावा अक्षता कई कंपनियों में डायरेक्टर भी हैं. और ब्रिटिश नियमों के मुताबिक हर मंत्री को अपनी और अपने जीवनसाथी के साथ ही, उनसे जुड़े हुए तमाम लोगों की संपत्तियों को घोषित करना अनिवार्य होता है. लेकिन सुनक ने सरकारी रजिस्टर में इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी.
39वर्षीय ऋषि सुनक भारत की जानी-मानी आईटी कंपनी इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति के दामाद हैं. सुनक ने2009 में भारत केइन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति से शादी की थी. द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक इन्फोसिस में अक्षता मूर्ति के मौजूदा शेयरों की कीमत करीब£430mहै. इस आधार पर वे ब्रिटेन की सबसे धनी महिलाओं में से एक हैं उनकी अपनी संपत्ति ब्रिटेन की महारानी से भी ज्यादा है. ब्रिटेन के मंत्रियों के लिए बनाई गई संहिता के मुताबिक हर मंत्री के लिए वो तमाम वित्तीय हित घोषित करना जरूरी है,जिसका संबंध बतौर मंत्री उनकी जिम्मेदारी से हो या अपना कर्त्तव्य निभाने के दौरान जिससे हितों का टकराव हो सकता हो. इस नियम के मुताबिक मंत्रियों को अपना,अपने निकट परिजनों,भाई-बहन,माता-पिता,पत्नी और ससुराल पक्ष के वित्तीय हित घोषित करने पड़ते हैं. द गार्जियन की रिपोर्ट के बाद ब्रिटिश राजनीतिक गलियारों में बवाल मचा है. सुनक ने सरकारी रजिस्टर में सिर्फ यह बताया है कि अक्षता एक ब्रिटिश कैपिटल (पूंजी) कंपनी की मालिक हैं. लेकिन ताजा खोजी रिपोर्ट से सामने आया है कि अक्षता मूर्ति और उनके परिवार वालों के इनके अलावा कई दूसरे वित्तीय हित ब्रिटेन में मौजूद हैं. जिस बारे में द गार्जियन ने एक लंबी सूची छापी है.
वहीं स्टैंडर्ड्स इन पब्लिक लाइफ नामक संस्था जो सार्वजनिक पदों पर बैठे लोगों के आचरण की निगरानी करती है. इनके पूर्व अध्यक्ष सर एलिस्टर ग्राहम से द गार्जियन ने बात की. इस बातचीत में ग्राहम ने कहा कि ऋषि सुनक अपनी और अपने निकट परिजनों की संपत्ति का पूरा ब्योरा देते,यह बेहद अहम है. खास कर यह देखते हुए कि वित्त मंत्री के हाथ में वित्तीय और कारोबारी नीतियां होती हैं. ग्राहम ने कहा कि ऋषि सुनक ने इस अनिवार्यता के प्रति हलका रुख अपनाया. उन्हें सार्वजनिक जीवन के मूलभूत सिद्धांतों को ध्यान से पढ़ना चाहिए,ताकि वे ईमानदारी से अपना कर्त्तव्य निभा सकें. द गार्जियन की मानें तो सुनक और अक्षता मूर्ति ने इस मामले में अपनी कोई टिप्पणी देने से इनकार कर दिया है. सुनक पर लग रहे आरोपों पर वित्त मंत्रालय ने सफाई दी है. मंत्रालय ने कहा कि वित्तीय हितों को घोषित करने की सभी उचित प्रक्रियाओं का पालन किया गया है. मंत्रालय ने कहा कि मंत्री क्या घोषित करेंं और क्या नहीं,ये फैसला मंत्री खुद नहीं करते बल्कि यह निर्णय अफसर और स्वतंत्र सलाहकार करते हैं. मंत्रालय के मुताबिक प्रधानमंत्री के स्वतंत्र सलाहकार वित्त मंत्री की तरफ से दी गई इस दलील से संतुष्ट हैं कि उन्होंने मंत्री संहिता का पूरा पालन किया है.
2015 में अपना राजनीतिक करियर शुरू करने वाले ऋषि सुनक ब्रिटेन की राजनीति में अभी दिग्गजों के सामने नए हैं. सुनक कंजर्वेटिव पार्टी के कैंडिडेट के तौर पर रिचमंड सीट से चुनाव जीते और अपनी राजनीतिक पारी की पांचवें साल में ही छक्का जमा दिया और सुनक ब्रिटेन के वित्त मंत्रालय संभालने लगे. फरवरी 2020 में पाकिस्तानी मूल के साजिद जाविद ने वित्त मंत्रालय से इस्तीफा दिया जिसके बाद सुनक को ब्रिटेन का नया चांसलर ऑफ द एक्सचेकर नियुक्त किया गया. इससे पहले वो ट्रेजरी में मुख्य सचिव की जिम्मेदारी संभाल रहे थे.
ऋषि सुनक के माता-पिता भारतीय मूल के हैं. दोनों ईस्ट अफ्रीका से यूके आ गए थे. ऋषि का जन्म यूके के साउथहैंप्टन में हुआ,जहां उनके पिता जनरल प्रैक्टिशनर थे और मां एक स्थानीय फार्मेसी चलाती थीं. ऋषि सुनक ने ब्रिटेन के कुछ नामी कॉलेजों से पढ़ाई की है. सुनक की स्कूलिंग विन्चेस्टर कॉलेज से हुई,जिसके बाद उन्होंने ऑक्सफॉर्ड यूनिवर्सिटी से पॉलिटिक्स,फिलॉसिफी और इकनॉमिक्स (PPE)की पढ़ाई की. ऑक्सफॉर्ड से निकलने के बाद,सुनक ने गोल्डमैन सैश जैसी बड़ी कंपनी में काम किया. कुछ सालों तक फाइनेंस सेक्टर में काम करने के बाद,सुनक एमबीए करने स्टैनफॉर्ड यूनिवर्सिटी चले गए. यही वो जगह थी जहां वो अपनी होने वाली पत्नी,अक्षता मूर्ति से मिले. स्टैनफॉर्ड यूनिवर्सिटी में सुनक फुलब्राइट स्कॉलर थे. स्टैनफॉर्ड यूनिवर्सिटी से निकलने के बाद,सुनक द चिल्ड्रन्स इन्वेस्टमेंट फंड मैनेजमेंट से जुड़े
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