लंदन। ब्रिटेन में सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी के समर्थक मतदाताओं में से लगभग आधे का मानना है कि भारतीय मूल के नेता व पूर्व वित्तमंत्री ऋषि सुनक एक अच्छे प्रधानमंत्री होंगे। ओपिनियन पोल सुनक को पीएम पद की दौड़ में आगे बताया गया है। जेएल पार्टनर्स की ओर से हुए इस ताजा सर्वेक्षण में 4,400 से ज्यादा लोग शामिल रहे। द संडे टेलीग्राफ की एक खबर के मुताबिक, इस ताजा सर्वेक्षण में शामिल अधिकांश लोग सत्तारूढ़ कंजर्वेटिव पार्टी के समर्थक हैं।
मौजूदा समय में कार्यवाहक प्रधानंमंत्री बोरिस जॉनसन इसी पार्टी का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। हाल ही में जॉनसन ने अपनी पार्टी के नेताओं से कहा था कि आप चाहें तो किसी का भी समर्थन करें, लेकिन ऋषि सुनक का न करें। बता दें, 2019 के आम चुनाव में कंजर्वेटिव पार्टी का समर्थन करने वालों में से 48 प्रतिशत का मानना है कि भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक सुनक एक अच्छे प्रधानमंत्री साबित होंगे।
जॉनसन लिज ट्रस के समर्थन में
यह पहला सर्वेक्षण है जिसमें प्रधानमंत्री पद की दौड़ में विदेश मंत्री लिज ट्रस को दूसरे स्थान पर रखा गया है। एक सूत्र ने बताया कि जॉनसन विदेश मंत्री लिज ट्रस का समर्थन करना चाहते हैं। जबकि बोरिस जॉनसन और उनका खेमा ऋषि सुनक को पीएम न चुने जाने के लिए एक गुप्त अभियान चला रहे हैं।
तीसरे दौर में भी सबसे आगे रहे ऋषि सुनक
ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद के लिए तीसरे दौर के मतदान में भी ऋषि सुनक सबसे आगे रहे हैं। उन्होंने 115 सांसदों का समर्थन हासिल किया। उधर, टॉम टुगेनधत अपेक्षित मत हासिल नहीं कर सके और दौड़ से बाहर हो गए। अब ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद की दौड़ में केवल चार प्रत्याशी बचे हैं। दूसरे दौर के मतदान में भारतीय मूल के ऋषि सुनक ने 101 वोट हासिल किए थे। उन्होंने अपना समर्थन बढ़ाकर 115 कर लिया है। दूसरे स्थान पर रही पैनी मोरडोंट ने 82 वोट पाए, जबकि इससे पहले हुए मतदान में उन्होंने 83 वोट पाए थे।
तीसरे स्थान पर 71 वोट पाकर विदेश मंत्री लिज ट्रस रहीं। दूसरे दौर के मतदान में उन्हें 64 वोट मिले थे। 58 वोट के साथ केमी बेडेनोट ने चौथा स्थान पाया। उन्होंने अपने वोटों में बढ़ोतरी की है। अगले दौर का मतदान मंगलवार को होगा। इसके बाद बृहस्पतिवार को होने वाले मतदान में केवल दो प्रत्याशी मैदान में होंगे। उनके बीच फैसला कंजरवेटिव पार्टी के 1,60,000 मतदाता करेंगे।
भारतीय सास-ससुर की उपलब्धियों पर गर्व
ऋषि सुनक का कहना है कि उन्हें अपने भारतीय ससुर इंफोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति और सास सुधा मूर्ति की उपलब्धियों पर बेहद गर्व है। पत्नी अक्षता की पारिवारिक संपत्ति को मीडिया में चर्चा का मुद्दा बनाने पर उन्होंने पलटवार किया। रविवार रात आईटीवी पर गर्मागर्म बहस के दौरान आलोचकों का मुंह बंद कर दिया।
पूर्व वित्तमंत्री से उनकी पत्नी की विदेश में हुई कमाई पर टैक्स नहीं चुकाने को लेकर सवाल किया गया था। ऋषि ने अपने अमेरिका के ग्रीन कार्डधारी होने और ब्रिटिश वित्तमंत्री बनने के बाद इसे छोड़ने को लेकर उठे सवालों का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा, मैं पूरी तरह सामान्य ब्रिटिश करदाता हूं। मेरी पत्नी दूसरे देश से हैं, इसलिए उनसे अलग तरह का व्यवहार होता था। उन्होंने काफी दिन पहले ही इस मुद्दे को सुलझा दिया है।
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