लंदन: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार ऋषि सुनक ने कहा कि वे भारत और ब्रिटेन के संबंधों में बदलाव लाना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि वे दोनों देशों के बीच संबंधों को ‘टू वे’ बनाना चाहते हैं, ताकि यूके छात्र और कंपनियां आसानी से भारत पहुंच सकें. ऋषि सुनक सोमवार को उत्तरी लंदन में कंजर्वेटिव फ्रेंड्स ऑफ इंडिया (CFIN) द्वारा आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने, ”नमस्ते, सलाम, केम छो’ जैसे अभिवादनों से ब्रिटिश भारतीयों को संबोधित किया.
भारत से बहुत कुछ सीख सकते हैं- ऋषि सुनक
इतना ही नहीं ऋषि सुनक ने हिंदी में अपने भाषण की शुरुआत की. उन्होंने, ”आप सब मेरे परिवार हो.’ सुनक ने कहा, हम जानते हैं कि भारत और ब्रिटेन के संबंध काफी अहम हैं. हम दो देशों के बीच जीवित सेतु की तरह काम करते हैं. ऋषि सुनक ने कहा, हम सभी यूके के लिए भारत में चीजें बेचने और काम करने के अवसर के बारे में जागरूक हैं, लेकिन हमें उस रिश्ते को अलग तरह से देखने की जरूरत है. उन्होंने कहा, हम यहां यूके में भारत से बहुत कुछ सीख सकते हैं.
उन्होंने कहा, मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि हमारे छात्र आसानी से भारत की यात्रा कर सकें, और कुछ सीख सकें. हमारी कंपनियों और भारतीय कंपनियों के लिए एक साथ काम करना भी आसान हो. क्योंकि यह सिर्फ एक तरफा संबंध नहीं है. यह दो तरफा है. मैं इस रिश्ते में बदलाव लाना चाहता हूं.
चीन पर फिर भड़के सुनक
ब्रिटेन के पूर्व मंत्री ऋषि सुनक ने चीन पर एक बार फिर भड़ास निकाली. उन्होंने कहा, चीन की आक्रामकता के खिलाफ ब्रिटेन को बचाव में बहुत मजबूत होने की जरूरत है. उन्होंने कहा, चीन और चीनी कम्युनिस्ट पार्टी हमारी आर्थिक और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक हैं. उन्होंने कहा, ब्रिटेन से इसका सामना लंबे समय से किया है. हमें इसे जारी रखने की जरूरत है. उन्होंने कहा, इसमें कोई संदेह नहीं है, आपके प्रधानमंत्री के रूप में मैं आपको, आपके परिवार और हमारे देश को सुरक्षित रखने के लिए जो कुछ भी करना होगा, वह करूंगा क्योंकि यह एक रूढ़िवादी प्रधानमंत्री का पहला कर्तव्य है. ऋषि सुनक ने इससे पहले भी चीन को नंबर 1 खतरा बताया था.
लिज ट्रस से ऋषि सुनक का मुकाबला
ब्रिटेन में बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के बाद से पीएम का पद खाली है. इस पद पर ऋषि सुनक और लिज ट्रस के बीच मुकाबला है. ब्रिटेन में कंजर्वेटिव पार्टी के नेता के चुनाव की प्रक्रिया अंतिम दौर में हैं. दोनों उम्मीदवार कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों से वोट मांग रहे हैं. पार्टी के सदस्य ही नेता का चुनाव करेंगे. यहां 5 सितंबर को कंजर्वेटिव पार्टी के नेता का ऐलान होगा. दरअसल, ब्रिटेन में कंजर्वेटिव पार्टी सत्ता में है, ऐसे में पार्टी का नेता ही देश का नया पीएम बनेगा.
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