इंदौर। जिले की चार पंचायतों में धांधली उजागर होने के बाद चार सरपंचों पर एफआईआर (FIR) दर्ज कर ली गई है। हालांकि जिन्हें आरोपी (charged) बनाया गया है, उनका कार्यकाल खत्म हो चुका है, लेकिन गबन उनके कार्यकाल में होना बताया जा रहा है। इनमें से एक पंचायत के सचिव ने तो कागजों में बेटे के नाम की फर्म बनाकर लाखों का भुगतान भी कर दिया।
हातोद क्षेत्र की ग्राम पंचायत जिंदाखेड़ी की तत्कालीन महिला सरपंच रिंकू और सचिव रामप्रसाद राठौर पर कार्रवाई हुई है। चंद्रावतीगंज पुलिस (Chandravatiganj Police) का कहना है कि जांच में पाया गया कि दोनों ने मिलकर विकास कार्य सहित पंचायत के लिए सामान की एक ही फर्म से बिना पक्के बिल लिए खरीदी की। यह फर्म सचिव रामप्रसाद ने अपने बेटे जीवन के नाम से जीवन ट्रेडर्स कागजातों में बनाई और उसमें 8 लाख से ज्यादा का भुगतान किया। इसमें सरपंच की भी मिलीभगत बताई जा रही है। गुवाडऱ्ाहापा के सरपंच सिकंदर पटेल के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है। आरोप है कि उसने भी वित्तीय अनियमितताएं की हैं। सांवेर की मुरादपुरा पंचायत के सरपंच हरि परमार के खिलाफ भी पद का दुरुपयोग कर धांधली करने की कार्रवाई की गई है। हातोद की काकरिया बोर्डिया पंचायत के तत्कालीन सरपंच कृष्णा के खिलाफ भी कार्रवाई हुई है। आरोप है कि मनरेगा, विधायक निधि की राशि सहित कई जगह धांधली की गई है।
मंडी के व्यापारी ने कई किसानों को लगाया चूना
मंडी के एक व्यापारी ने कई किसानों के साथ ठगी की। वर्ष 2020 में जालंधर के व्यापारी गिरीश ने इंदौर के कुछ किसानों (Farmer) से आलू के बीज बुलवाए थे, जिसकी राशि 15 लाख रुपए होती है, लेकिन व्यापारी ने रुपए नहीं भिजवाए और झांसा देता रहा। इस बीच किसानों को पता चला कि गिरीश का भतीजा राजकमल मंडी में व्यापार करता है। इस पर किसानों ने उसे पकड़ लिया और डायल 100 पर फोन लगा दिया, जिसके बाद उसे भंवरकुआं थाने ले जाया गया। भंवरकुआं पुलिस ने मामला मानपुर क्षेत्र का होने के चलते मानपुर पुलिस को इसकी सूचना दी और मानपुर पुलिस राजकमल को लेकर गई। हालांकि बाद में राजकमल को भी छोड़ दिया। अब पुलिस किसानों की शिकायत पर व्यापारी गिरीश का पता लगा रही है। पुलिस किसानों की शिकायत पर कार्रवाई भी करने वाली है। कार्रवाई के दौरान भतीजे की भूमिका निकली तो उसे भी आरोपी बनाया जा सकता है।
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