नई दिल्ली । भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(Board of Control for Cricket in India) यानी बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला(Rajeev Shukla Vice President) ने सोमवार को भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर(India head coach Gautam Gambhir) और कप्तान रोहित शर्मा(Captain Rohit Sharma) के बीच किसी भी तरह के मतभेद से इनकार किया। इतना ही नहीं, बीसीसीआई के इस बड़े अधिकारी ने वर्तमान में खराब फॉर्म से जूझ रहे भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा का भी सपोर्ट किया।
भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पांच मैचों की बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 3-1 से करारी हार का सामना करना पड़ा है। इस सीरीज में रोहित शर्मा तीन मैच खेले और सिर्फ 31 रन उनके बल्ले से आए। उनके रनों से ज्यादा तो विकेट जसप्रीत बुमराह ने इस बीजीटी में लिए। रोहित ने सिडनी में पांचवें और अंतिम टेस्ट में खुद को बाहर रखा, क्योंकि वे चाहते थे कि एक मजबूत टीम मैदान पर उतरे, लेकिन टीम को वहां भी हार मिली, क्योंकि बुमराह दूसरी पारी में गेंदबाजी नहीं कर पाए।
रोहित के खराब प्रदर्शन के बीच ऐसी अटकलें भी लगाई जा रही थीं कि गंभीर और उनके बीच मतभेद हैं। इस पर राजीव शुक्ला ने कहा, “यह पूरी तरह से गलत बयान है। चयन समिति के अध्यक्ष (अजीत अगरकर) और कोच के बीच कोई मतभेद नहीं है, कप्तान और कोच के बीच भी कोई मतभेद नहीं है। यह सब बकवास है, जो मीडिया के एक वर्ग में फैलाया जा रहा है।”
व्यापक रूप से अटकलें लगाई जा रही हैं कि गंभीर ने वरिष्ठ खिलाड़ियों को या तो अच्छा प्रदर्शन करने या बाहर होने के लिए तैयार रहने का अल्टीमेटम दिया था। इस सवाल के जवाब में राजीव शुक्ला बोले, “यह भी गलत है कि रोहित ने कप्तानी पर जोर दिया है। वह कप्तान हैं। फॉर्म में होना या ना होना खेल का अभिन्न हिस्सा है। जब उन्होंने (रोहित) देखा कि वह फॉर्म में नहीं हैं, तो उन्होंने खुद को पांचवें टेस्ट से बाहर कर लिया।”
शुक्ला ने यह भी कहा कि टीम के प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए हाल ही में हुई समीक्षा बैठक पूरी हो गयी है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने आगे की राह और अच्छा करने के तरीके पर चर्चा की।’’ 11 जनवरी को बीसीसीआई की बीजीटी को लेकर रिव्यू मीटिंग हुई थी। भारत को न्यूजीलैंड के खिलाफ 3-0 से हार मिली थी और फिर भारत 3-1 से ऑस्ट्रेलिया 10 साल बाद सीरीज हारा था। ऐसे में टीम के खराब प्रदर्शन की समीक्षा होनी ही थी।
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