उज्जैन। 25 जुलाई से श्रावण मास प्रारंभ होने वाला है और महाकाल की सवारी 26 जुलाई को निकलेगी। इस बार भी कोरोना के कारण शार्ट रूट ही रहेगा। अभी ऐसी स्थिति नहीं है कि जिला प्रशासन कोई रिस्क ले तथा लोगों से अपील की जाएगी कि वह ऑनलाईन ही दर्शन करें।
पिछले वर्ष को कोरोना के कारण परंपरागत सवारी मार्ग से सवारी नहीं निकाली गई थी और महाकाल से हरसिद्धि होकर रामघाट और रामघाट से रामानुज कोट होते हुए जूना महाकाल सवारी पहुँची थी और यही रूट हर सवारी में तय किया गया था। इस वर्ष भी कोरोना की लहर अप्रैल और मई माह में आई थी और तीसरी लहर की संभावना भी बनी हुई है। इसी बीच सावन मास की बाबा महाकाल की सवारी निकलना है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार 23 जुलाई को इस संबंध में बैठक रखी जाएगी और इसमें निर्णय किया जाएगा कि बाबा महाकाल की सवारी किस रूट से निकाली जाए, वैसे अधिकारियों का मानना यह भी है कि अभी कोरोना का खतरा टला नहीं है और आने वाले दिनों में तीसरी लहर भी आ सकती है। इसको देखते हुए और सरकार की गाइडलाइन धार्मिक यात्रा और जुलूस निकालने की नहीं है, इसको देखते हुए संभावना बन रही है कि सवारी पिछले साल वाले मार्ग से निकाली जाएगी और इसमें प्रशासनिक अधिकारी, पुलिस, सुरक्षाकर्मी के अलावा अन्य लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा और परंपरा पूरी की जाएगी।
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