रीवा। नगर निगम में बीते पांच वर्षों से कचरा कलेक्शन का काम कर कर रही रेमकी कंपनी के पास जादुई छड़ी है, ऐसा कहना इसलिए भी गलत नहीं होगा क्योंकि रेमकी कंपनी काम ही ऐसा कर रही है, जो जमीन पर तो नहीं दिखता लेकिन नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी इसे कागजों में जरूर पूरा कर रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि वर्ष 2017 में कंपनी के काम शुरू करने के बाद पांच आईएएस अधिकारी नगर निगम की व्यवस्था संभाल चुके हैं लेकिन इस जादुई कंपनी के फर्जीवाड़े को पकड़ नहीं पाए, वर्तमान आयुक्त भी इस फर्जीवाड़े पर कार्यवाही करने की बजाय कंपनी के कार्य को सही बता रही हैं। बता दें कि नगर निगम द्वारा हर स्वच्छता सर्वेक्षण में कागजों में 100 प्रतिशत कचरा कलेक्शन का दावा किया जा रहा है। लेकिन असल में ऐसा हो नहीं रहा है क्योंकि कंपनी द्वारा वर्तमान में 52 गाडिय़ों का चलाने का दावा किया जा रहा है और शहर भर में 61 हजार से अधिक घर हैं। ऐसे में यह कंपनी 100 प्रतिशत कचरा कलेक्शन इन वाहनों से कैसे करती होगी, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है, इस बात को लेकर हाल ही में निगम के पार्षदों ने कई बार विरोध भी किया.
ऐसे समझे पूरा फर्जीवाड़ा
बता दें कि कचरा कलेक्शन कर रही कंपनी द्वारा 52 वाहनों से कचरा कलेक्शन का दावा किया जाता है, 10 अतिरिक्त वाहन खड़े होने की बात कही जाती है। ये वह वाहन हैं जो गाडिय़ां खराब होने पर जाते हैं। हालांकि गाडिय़ां सड़क पर इससे कम ही चलती हैं। भले ही कंपनी दावा करे लेकिन 100 प्रतिशत कचरे का उठाव एक दिन में नहीं किया जा सकता है। क्योंकि निगम के रिकार्ड के अनुसार कुल 61861 घरों से टैक्स लिया जा रहा है, आवासों की संख्या इससे भी अधिक है लेकिन निगम के रिकार्ड पर बात की जाए तो यदि रेमकी कंपनी का एक कचरा वाहन दिन के 12 घंटे लगातार बिना एक मिनट रूके कचरा कलेक्शन करता है तो दिन में वह 720 मिनट कचरा कलेक्शन करेगा। एक घर में यदि एक मिनट भी वाहन का रुकना माना जाए तो एक वाहन दिन में 720 घरों में कचरा कलेक्शन करता है, इसी प्रकार 52 वाहनों से रेमकी 37440 घरों का कचरा ही उठा सकता है। हालांकि 12 घंटे लगातार काम करने पर ऐसा होता नहीं है। कंपनी के वाहन वार्डों में 4-5 घंटों के लिए ही जाते हैं। इसके बावजूद भी 24421 घरों को कंपनी छोड़ रही है। यदि कंपनी इसके बाद भी 100 प्रतिशत का दावा कर रही है तो वह सच में ही जादुई तरीके से काम कर रही है, जिसे समझ पाना हकीकत से परे है।
2.94 लाख प्रतिदिन भुगतान बता दें कि रेमकी कंपनी द्वारा प्रतिदिन 130-140 टन कचरा उठाव का बिल बनाया जा रहा है। यह अधिकारियों की मेहरबानी है, क्योंकि जितना कंपनी कचरा उठाव का दावा करती है, वह एक दिन में कंपनी की वर्तमान व्यवस्था के हिसाब से किया ही नहीं जा सकता है। आपको बता दें कि 2100 रुपए प्रति टन के हिसाब से निगम कंपनी को भुगतान कर रहा है, यानी की लगभग 2.94 लाख रुपए प्रतिदिन के हिसाब से कंपनी को भुगतान किया जा रहा है जो प्रतिमाह 88 लाख से भी अधिक राशि का भुगतान कंपनी को मिल रहा है। जबकि व्यवस्थाएं आए दिन बद से बदतर होती जा रही हैं।
चार दिन में एक दिन आता है वाहन
शहरी क्षेत्र में लोगों का जो फीडबैक सामने आ रहा है उसके अनुसार रेमकी के शहर की अधिकतर गलियों में कचरा कलेक्शन करने नहीं पहुंच रहे हैं। चार दिन में एक बार कंपनी के वाहन आते हैं। निगम अधिकारियों की मेहरबानी से जरूर 100 प्रतिशत कचरा कलेक्शन हो जाता है। यहां जनता के साथ ठगी ऐसे भी हो रही है कि बिना कचरा उठाव के ही संपत्तिकर के साथ कचरा कलेक्शन चार्ज की वसूली हर माह हो रही है। जनता को बिना सुविधा दिए ही राशि वसूली जा रही है। इसे लेकर कई दफा विवाद भी हो चुके हंै लेकिन किसी कार्य में संपत्तिकर की रसीद न होने पर कार्य रोक दिया जाता है, जिससे मजबूरन लोगों को टैक्स भरना पड़ता है।
कचरा कलेक्शन के आधार पर ही रेमकी कंपनी का बिल तैयार होता है। वार्डों में रोजाना वाहन जाते हैं, जहां से शिकायत मिलती है कंपनी को आदेशित किया जाता है, जहां कंपनी की कमियां है उन्हें पूरा करने को आदेशित किया जाता है।
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